* दास्तान-ए-मोहब्बत *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, May 28, 2016, 10:40:06 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

जब जिंदगी दर्द देती है
तो आँसू गिर पडते है
कुछ भी लिखूं तो वह
दास्तान-ए -मोहब्बत बन जाते हैं.
कवी - गणेश साळुंखे.
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