* वो हम *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, May 30, 2016, 11:35:25 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

वो
हुस्न की मलिका हुँ में
तु मुझे ना पा सकेगा
मेरे जलवों की बिजलीयोंसे
तो तु घुटनोंपर आ जाएगा
                हम
बेशर्त तु हुस्न की मलिका होगी
पर तेरे आका तो हम ही होंगे
हमारे एक इशारे पर तुझे दरबार में
तेरे हुस्न के जलवे बिखेरने होंगे.
कवी - गणेश साळुंखे.
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