* दगाबाज शहर *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, June 08, 2016, 11:55:13 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

बचकर रहना ए मुसाफिर
ये दगाबाज शहर है
यहाँ दिल पहले,बादमें
धडकन लूटी जाती है.
कवी - गणेश साळुंखे.
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