ये उम्र बता जरा?

Started by शिवाजी सांगळे, October 13, 2016, 09:46:07 PM

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शिवाजी सांगळे

ये उम्र बता जरा?

बुने थे कुछ सपने
रेशम की डोरसे
फिसल गये हाथों से
रेत की तरहा...

वक्त चलता रहा
घडीके फेरों के साथ
तरसती रही उम्र
सुनी र्आँखों की तरहा...

क्या पता था आसमांको
जमीं और उसके बीच
थमेंगी कोहरेकी चादर
दरार की तरहा...

ये उम्र बता जरा?
कब तब चलेगा यह
सिलसिला धुंप छाँव का
दिन और रात की तरहा...

© शिवाजी सांगळे
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