कविता II चल रहे थे हाथ में लिये हनुमान चालीसा II

Started by siddheshwar vilas patankar, October 14, 2016, 12:47:51 PM

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siddheshwar vilas patankar



चल रहे थे हाथ में लिये हनुमान चालीसा

एक तवायफ पेश कर रही थी नगमा

बडी मासूम लग रही थी

आँख बंद कर ली हमने

सीधे चाले आये, मुह मोड के

घर पर तशरीफ रखी , हनुमान चालीसा कपडे में बांध ली

और फिर लौट कर उस रास्तेपर वापस  आये


सिद्धेश्वर विलास पाटणकर C
सिद्धेश्वर विलास पाटणकर C