युही ...

Started by Kumar Sanjay, December 01, 2016, 07:46:28 AM

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Kumar Sanjay

हम युही गुजर जायेंगे तेरे जिदंगी से
फिर कैान तुम्हे सताऐगा
तुम्हारी बातो पें
तुम्हारी शैतानीयो पें
फिर कैान हंसेगा
युही बिसर जाना मुझे
चंद पन्नो की तरहा
जैसा तेरा मेरा मिलना हुअा
एक रात ओैर जुगुनुओ की तरहा
युही कभी भुलकर भी मत मिलना
हमदम
अागे ही चलना
हमसफर तो युही होते है
जो थोडे देर के लिये रहगुजर होते है .....

कुमार संजय
7709826774