अतित

Started by sanjweli, July 16, 2017, 08:25:33 PM

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sanjweli

दि. ४/७/२०१७

   अतित

तनहा होना
ये अलग बात है

तुमसे जुदा होना
वो मिठासा राझ है

दर्द जो मिला
वो अतित की बात  है

किस्मत वालोंको मिलता
अपने मेहबुब का हात है

बिछडकर मिलना
ये तो मुकद्दर की बात है

अपनोसे नजरे चुराना
ये कहां की रित है

रिश्ता छिपाना
ये तो गहरा अंदाज है

हर दिन नया
नयी रात है

खुदाने किया
हमसे बडा मझाक है

बेपनाह मोहब्बत करना
ये कहां का जुर्म है

और कहते है दुनियावाले
की हमने की खुदगर्ज है.

©महेंद्र विठ्ठलराव गांगर्डे पाटील