नया सबेरा

Started by १. मनिषा गुर्जर, October 27, 2017, 09:12:47 AM

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१. मनिषा गुर्जर

कल जो बीता वो समा आज खो गया है
तू ये दिल अभी तक कलमें खोया है

कलकी वो यादे बस यादे तो है
आज जो सामने आया वो नया सबेरा है

सबेरा नया उम्मीद लेके आया है
बीता हुआ कल मानले एक सपना तो है

आगे चलते चल रास्ते मिलते रहते है
कुछ रास्ते तो मंजिलोसे मिलते है

जिंदगी आज जीनेको मिली तो है
कल से बेहतर आज बनाने की कोशिश है

माना तेरे  मनमें कलके अंधेरे रातोका साया है
पर आज यकिन कर सुरज रोशनी देने आया है