हिंदी काव्य

Started by कदम, November 22, 2017, 11:20:54 AM

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कदम


देखकर हमे सामने आपके
अपनी नज़रें झुकाया ना करो ।
जानकर भी आप हमको
अनजाने कि तराह मुस्कुराया ना करो ।
करो ना करो प्यार आप हमसे
लेकिन हमसे ईतना भी ना शर्माया करो ।