भारत माँ के सपूत है हम

Started by sachinikam, August 07, 2018, 10:33:17 AM

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sachinikam


भारत माँ के सपूत है हम

पहला सलाम तुझको ही माँ
प्रथम प्रणाम तुझको ही माँ
सबसे आगे लूं तेरा ही नाम
शुरुवात करूँ हर कोई काम
तुझपे निछावर मेरी जान
हाँ तेरेलिए सबकुछ कुर्बान
भारत माँ के सपूत है हम
शांति और अमन के दूत है हम ।।धृ .||

सच्चाई की राह पर चलते
बुराई की कलाई मरोड़ते
वफाई वतनसेही करते
भाईचारा दुनिया को सिखाते
खुशियाली की राह दिखाते
सबको साथमें लेके चलते
भारत माँ के सपूत है हम
शांति और अमन के दूत है हम ।। १ ||

बेसहारों को गले लगाते
सहिष्णुता की मिसाल है हम
एकता में विशाल है दम
मानवता में नहीं किसीसे कम
सबका सम्मान तेरी कसम
भारत माँ के सपूत है हम
शांति और अमन के दूत है हम ।। २ ||

जय हो भारत माता की
त्रिवार जय जय हो
अनंत जय जय हो
चिरायु जय जय हो...
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कवी: सचिन कृष्णा निकम, पुणे.
कवितासंग्रह: गीतगुंजन (२०१८)
sachinikam@gmail.com
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