सुराग नहीं मिलता…

Started by puneumesh, July 29, 2019, 02:56:38 PM

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puneumesh

सुराग नहीं मिलता...

जेहन में पड़ गए छाले
पर हिसाब नहीं मिलता
झूट को सच किसने बनाया
इसका सुराग नहीं मिलता

घुमाकर बात करने की
आदत सी पड़ गयी सबको
सीधे बात करने का 
हिम्मत नहीं बनता

मुंह पे ताले जड़ देने से
तारीख छुप  नहीं जाता
रो रही हैं टूटे बुथ भी सदियोंसे
इन्साफ कब होगा पता नहीं चलता

झूट-ओ-दरिंदगी पे पालोंसे
शांति पाठ अच्छा नहीं लगता
अक्ल का नाजायज़ नुमाइश   
गुमराह तीर देखते नहीं बनता

चाँद सितारों का हिसाब लगा लिया
खिसके जमीन का पता नहीं चलता
देखते देखते इतने दूर आ गए
वापस जाने का रास्ता नहीं मिलता 

----------- उमेश
puneumesh