बेशरम रूह मेरी .... besharam rooh meri..

Started by puneumesh, September 04, 2019, 11:14:27 AM

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puneumesh

बेशरम रूह मेरी ....

कोई हक़ नहीं बनता फिर भी जिद पे अड़ गया हूँ मैं
मतलबी दुनिया का एक मतलबी बन गया हूँ मैं
औरों से कुछ भी कम रह नहीं गया हूँ मैं
दम तोड़ती ही नहीं बेशरम रूह मेरी
रोज दफना कर तो आता हूँ मैं

ऊंचे सराय की दावत का भुगतान कर रहा था मैं
दरबान की नम आँखें भी देख रहा था मैं
कईं महीनों की तनख्वा थी शायद उसकी
उस से आँख चुरानेकी कोशिश कर रहा था मैं
कुछ रूह का हिस्सा दफना कर आ रहा था मैं

सड़क के किनारे बैठा वो सब्जीवाला और उसकी बेटी शालू
स्कूल के बदले ढो रही थी बोझ और तोल रही थी आलू
काट कर नोट लौटा रही थी छुट्टे हथेली पे मेरे
लगा जैसे सजा-ए-गुनाह की छड़ी पा रहा था मैं
और कुछ रूह का हिस्सा दफना कर आ रहा था मैं

शाही पोषाक खरीद रहा था मैं
एक दुखियारी फटे हाल देख रहा था मैं
एक आईना सा मंजर आ गया सामने
रब के तराज़ू में हालत तोल रहा था मैं
कुछ रूह का हिस्सा दफना कर आ रहा था मैं

शोषित बच्ची की क़त्ल की खबर पढ़ लेता हूँ मैं
खून नहीं खौलता सिर्फ बुरा मान लेता हूँ मैं
अपने बच्चे मेह्फूस हैं इस बात पर गौर कर लेता हूँ
आइना हसता है और चुप चाप सेह लेता हूँ मैं
कुछ रूह का हिस्सा दफना कर आ जाता हूँ मैं

कौमें जब लड़ती हैं जात और धर्म के नाम पर
मेरा देश बर्बाद हो गया चिल्लाके बोल देता हूँ मैं
सारा दोष नेता अभि-नेता पे लाद देता हूँ मैं
अपने बुजदिली को मजबूरी का नाम दे देता हूँ मैं
कुछ रूह का हिस्सा दफना कर आ जाता हूँ मैं

शहर की जेहरीले हवाओंमें सांस लेना भी है मुश्किल
बढ़ती गाड़ियों की तादात पर इलज़ाम लगा देता हूँ मैं
आम आदमी पिसता है ट्रेनों और बसों में
अपनी गाडी लेकर दफ्तर निकल जाता हूँ मैं
कुछ रूह का हिस्सा दफना कर आ जाता हूँ मैं

रोज़ वही हादसा इस घने शहर की वीरान सड़कों पर
अपना कोई नहीं इस बात की तसल्ली कर लेता हूँ मैं
शायद शराब पीकर गाडी चला रहा होगा केहके
तडपनेवालेको उसके हाल पर छोड़कर निकल जाता हूँ मैं
कुछ रूह का हिस्सा दफना कर आ जाता हूँ मैं

अँधेरी रात में मन को जब टटोलकर देख लेता हूँ मैं
बेशरम रूह को दिल मे धड़कते हुए पा लेता हूँ मैं
कल ही तो इसे पूरा दफना कर आ गया था मैं
इस चुड़ैल से पीछा क्यों नहीं छूटती   
हैरान परेशां इसी बात से अक्सर रेह लेता हूँ मैं
रोज़ इसे दफना कर आ जाता हूँ मैं
रोज़ इसे दफना कर आ जाता हूँ मैं..

................... Umesh puneumesh