ये जिंदगी

Started by कवी अमोलभाऊ शिंदे पाटील, December 13, 2019, 09:49:27 PM

Previous topic - Next topic

कवी अमोलभाऊ शिंदे पाटील

ये जिंदगी तू कमबख्त क्यूँ हो गई
तुम और मैं निकाह करना भूल गयें
दुश्मन था जमाना सारा जब प्यार कियां
सपनें सजायें तेरे साथ जो सारें धूल गयें

✍🏻(कविराज .अमोल शिंदे पाटील).
मो.९६३७०४०९००.अहमदनगर