तु लौट के आजा

Started by Deeksha, May 28, 2020, 07:10:34 AM

Previous topic - Next topic

Deeksha

मेरे सोए हुए उन ख्वाबों को
तु फिरसे जगाने आजा
झुठा ही सही पर वो
एहसास दिलाने आजा

बस..अब बहोत देर हो गई ,तु लौट के आजा

अधूरे वादे जो छुट गए
उनको पुरा करने आजा
मुद्दतों से संभाली है यादे
उन यादों को दोहराने आजा

बस.. अब बहोत देर होगई, तु लौट के आजा

अकेली हूँ इस दुनिया के समंदर में
के तु मुझे पार ले जाने आजा
आज भी जो जख्म ना भरे,तेरे जाने के बाद
उन जख्मोंपर मरहम लगाने आजा

बस..अब बहोत देर होगई ,तु लौट के आजा