मैं और मेरा उड़ान .................

Started by puneumesh, March 18, 2021, 12:49:35 PM

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puneumesh

मैं और मेरा उड़ान .................

दुनिया ठीक से उठी नहीं
फिर से गडबडा रहा हूँ मैं
फ़िज़ा में बाज़ दिखा नहीं
सपने बुन रहा हूँ मैं

साथियों के साथ सैर करें
राह देख रहा हूँ मैं
गर कोई साथ नहीं
अकेले निकल जाता हूँ मैं

सड़क के गुस्ताखियों को
नजरअंदाज कर देता हूँ मैं
मन को शांत रखता हूँ
और किनारा कर लेता हूँ मैं

ऊंचे पहंडों पे अम्बर के तले
ठिकाना ढूंढ लेता हूँ मैं
दिल खोल के लेता हूँ सांस
दुनिया भूल जाता हूँ मैं

कुदरत की अनोखी रचना
अचंभित देख लेता हूँ मैं
ऊपर चढ़कर बादलों के संग
गप शप मार लेता हूँ मैं

सपना है या हकीकत
सोच में पड़ जाता हूँ मैं
कईं बार सच के सपनों में
उड़ते हुए पा लेता हूँ मैं

--------------------- उमेश
puneumesh