टूटे-फूटे शब्द

Started by शिवाजी सांगळे, March 24, 2021, 04:28:55 PM

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शिवाजी सांगळे

टूटे-फूटे शब्द

मेरे टूटे-फूटे शब्द दिल की बात कहते हैं
छंदो मे लिखूं तो कविता उसे समझते हैं

अनुभव सभी इसी जमाने के कडवे मिठें
राहगीर को खुदसे जाने पहचाने लगते हैं

होकर गुम यादोंमें कभीकभार खयालोंमें
भावना सभी अपनेही शब्दों में लिखते हैं

पुजा कहें कोई इसको कोई इबादत कहें
हम तो माता सरस्वती की सेवा मानते हैं

करके महसूस दुखदर्द आसपास के सारे
शब्द ये टूटेफूटे लोगोंकी जुबान बोलते हैं

©शिवाजी सांगळे 🦋papillon
संपर्क: +९१ ९५४५९७६५८९
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