सावन कविता - " देखो वर्षा के यह मनमोहक बादल "

Started by Atul Kaviraje, August 11, 2021, 11:29:58 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

मित्रो,

     हिंदी कविता के एक अनामिक कवी की कविता आपको सुनाता हू. यह कविता सावन (वर्षा ऋतू ) पर आधारित है. हिंदी कविता का मेरा यह (पुष्प-3) आपको सप्रमाण सादर करता हू. इस कविता के बोल है - " देखो वर्षा के यह मनमोहक बादल "


                             हिंदी कविता-(पुष्प-3)
                                 सावन कविता
                    " देखो वर्षा के यह मनमोहक बादल "
                                कवी -अनामिक
                 ------------------------------------


देखो वर्षा के यह मनमोहक बादल-----
------------------------------

देखो वर्षा के यह मनमोहक बादल,
जो लाते है बारिश का यह जल|
देख मन इन्हें होता प्रफुल्लित,
वर्षा ना हो तो मन हो जाता विचलित||

किसानों को यह देती सिंचाई की सुविधा,
यदि वर्षा ना हो तो हो जाती है बड़ी दुविधा|
इस ऋतु में चारों ओर हरयाली लहलहाती,
इसकी मनोरम छंटा सबके मन को भाती||

वर्षा ऋतु की यह छंटा निराली,
जो सबके लिये लाती खुशियों की झोली|
आओ संग मिलकर झूमे गायें,
वर्षा ऋतु का साथ मिलकर लुत्फ़ उठाये||


            कवी -अनामिक
          ----------------

                 (साभार एवं सौजन्य-हिंदीपोएम.ऑर्ग)
               ----------------------------------


-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-11.08.2021-बुधवार.