बुध्दम् , शरणंम् , गच्छामि !!!

Started by Ashok_rokade24, August 15, 2021, 05:38:41 PM

Previous topic - Next topic

Ashok_rokade24

राह दिखाँई है भीमजीने ,
एक बार चलके तो देखँ लो ।
ज्ञान के सागर है भीमजी ,
गोता लगाकर तो देखँ लो ॥

कितनी ऊछाँलोंगे ग॔दगी ,
सुरज न कभी मैला होगा ।
जल जायेंगे वो हाथ सारे ,
हाथोंसे छूँ कर तो देखँ लो ॥

धम्म बुद्ध का देकर हमे ,
उद्धार हमारा तो कियाँ है ।
सकून है बुद्ध की शरणमें ,
बुद्धकीओरआकर देखँ लो॥

तोडकर दीवार जाती की,
गिले शिकवे सारेभुला दो ।
बुद्धम् शरणम् गच्छामी ,
एक बार कहँके देखँ लो ॥

लीखाँ है कानून भीमजीने ,
न्याय सबको एक दियाँ है ।
खुशहाल होगा भारत सारा ,
नफरत भुलाकर देखँ लो ॥

मार्ग बुद्धका है ज्ञान का,
प्रज्ञा शिल करूणा शांतीका ।
समानता का मानवता का ,
हाथ बढाँकर देखँ तो लो ॥

जयभीम नारा है मुक्तीका ,
आत्मसन्मान का प्रगतीका ।
शिक्षा संघटन संघर्ष का,
अजमाकर जरा देखँ लो ॥

जयभीम !!! नमो बुद्धाय् !!!
          🙏🙏🙏
अशोक मु.रोकडे .
मुंबई. 

Preeti Ghate

 you wrote this poetry very beautifully.you expressed how bhim roa ambedker dedicated his whole life for doing  welfare of dalit community  and also told the importance  of budha,  keep writhing well done. jay bhim

Ashok_rokade24