II जय श्री कृष्ण II-II कृष्ण जन्माष्टमीकी हार्दिक बधाईया II-(कविता - ब)

Started by Atul Kaviraje, August 30, 2021, 05:16:44 PM

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Atul Kaviraje

                                      II जय श्री कृष्ण II
                            II  कृष्ण जन्माष्टमीकी हार्दिक बधाईया II
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                                         (कविता - ब)
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मित्रो,

     आज ,30-अगस्त-२०२१ , सोमवार का  दिन लेकर आया है श्री कृष्ण जन्माष्टमी (श्रीकृष्ण जयंती, गोकुळाष्टमी, कालाष्टमी) का शुभ दिन. मराठी कविता के  मेरे सभी कवी बंधू एवं, कवयित्री बहनो को गोकुळाष्टमी की बहोत सारी हार्दिक शुभेच्छाये. आईए, सुनीते इस पुनीत दिवस पर, कुछ कृष्ण रचनाये. 


                                कृष्ण जन्माष्टमी पर कवितायें
                                     (कविता क्रमांक-१)
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जब तुम बजाते हो बंसी,
बहती है राग की रसधारा ।
जग झूम उठता है,
ओ मेरे बाल गोपाला ।।

सांवला है रूप तुम्हारा,
देखो तो नजर नहीं हटती ।
बस आंखों के आगे हर दम तस्वीर तुम्हारी,
ओ मेरे बाल गोपाला ।।

माखन चुराने की कला निराली,
मुकुट पर मोर पंख निराला ।
तू सब का है दुलारा,
ओ मेरे बाल गोपाला ।।

धन्य है देवकी मां जिसने तुम्हें जन्म दिया है,
धन्य है यशोदा मां जिसने तुम्हें पाला ।
अजब लीला है तुम्हारी,
ओ मेरे बाल गोपाला ।।

कण-कण में तुम बसे हो,
सबके दिल की धड़कन हो तुम ।
आंखों का तारा हो तुम,
ओ मेरे बाल गोपाला ।।

                 कवी  – नरेंद्र वर्मा
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                                         (कविता क्रमांक-2)
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बाल घुंघराले तुम्हारे,
सर पर ताज निराला ।
मनमोहक मुस्कान तुम्हारी,
ओ कृष्ण मुरारी ।।

नटखट तुम, नखराले तुम,
न्याय प्रिय तुम, वरदानी तुम ।
भटके हुए को राह दिखाने वाले,
ओ मेरे प्यारे कृष्ण मुरारी ।।

जब बजाते हो तुम बंसी,
तब झूम उठता है धरा का हर एक वासी ।
तुम नटखट हो लेकिन प्यार का समंदर हो,
ओ मेरे प्यारे कृष्ण मुरारी ।।

जीवन की डोर तुम्हारे हाथों में,
पल भर में बनाते हो रंक से राजा ।
खुशियों की बौछार हो तुम,
ओ मेरे प्यारे कृष्ण मुरारी ।।

सबसे बड़े दानी हो तुम,
तीनो लोक के राजा हो तुम ।
सबसे बड़े ज्ञानी हो तुम,
ओ मेरे प्यारे कृष्ण मुरारी ।।

                   कवी  – नरेंद्र वर्मा
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                                         (कविता क्रमांक-3)
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ब्रज का है तू वासी,
मनमोहन नाम तुम्हारा ।
मां यशोदा का दुलारा,
हम सबको प्यारा कृष्णा हमारा ।।

माखन चोर तू कहलाता है,
नटखट अदाओं से सबका दिल जीत लेता ।
बांसुरी बजा सबका मन मोह लेता,
हम सबका प्यारा कृष्णा हमारा ।।

आंखे तेरी समुंदर से भी गहरी,
तेरी मूर्त सबको प्यारी ।
तीनो लोक का राजा कहलाता,
हम सबका प्यारा कृष्णा हमारा ।।

तेरी सांवली सूरत सबको भाती,
एक नजर में दिल में बस जाता ।
तेरी मुस्कान सबका मन मोह लेती,
हम सबका प्यारा कृष्णा हमारा ।।

तू सबसे बड़ा दानवीर कहलाता,
मित्रता तेरी सबसे निराली ।
गोवर्धन पर्वत को उठा कर सब की जान बचाई,
हम सबका प्यारा कृष्णा हमारा ।।


                  कवी  – नरेंद्र वर्मा
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                      (साभार एवं सौजन्य-हिंदीयात्रा.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-30.08.2021-सोमवार.