"अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस"-(विश्व साक्षरता दिवस) - लेख क्रमांक-2

Started by Atul Kaviraje, September 08, 2021, 01:29:21 AM

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Atul Kaviraje

                             "अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस"
                                (विश्व साक्षरता दिवस)
                                   लेख क्रमांक-2
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मित्रो,

     आज बुधवार, दिनांक-०८.०९.२०२१, का यह विशेष दिन, अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस (विश्व साक्षरता दिवस) के रूप में मनाया जाता है. आईए, जानते  है इस दिन का महत्त्व एवं महत्त्वपूर्ण जानकारी और कुछ कविताये. 

                  अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस कैसे मनाते है-----

     इस दिन ऐसी संस्थाओं को पुरस्कृत किया जाता है जो देश और दुनिया में लोगो को पढ़ाने का काम कर रही है। स्कूल, कालेजों में लेखन, व्याख्यान, भाषण, कविता, खेल, निबंध, चित्रकला, गीत, गोलमेज चर्चा, सेमीनार जैसे कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।

     हमारे प्रधानाचार्य और टीचर्स "अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस" पर भाषण देते है। "अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस" पर पोस्टर लगाये जाते है। न्यूज चैनेल के द्वारा इस दिवस पर खबरों का प्रसारण और प्रेस कांफेरेंस किया जाता है। टीवी पर इससे जुडी बातो पर कार्यक्रम दिखाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस से जुडी समस्याओं पर कार्यक्रम दिखाया जाता है।

                 भारत में साक्षरता के बढ़ते कदम----- 

     "एषां न विद्या न तपो ना दानं, ज्ञानम न शीलम न गुणो न धर्म:
      ते मृत्युलोके भूविभार भूता, मनुष्‍य रूपेण मृगाश्चरन्ति"

           अर्थात जिस मनुष्‍य के पास ना तो विद्या है ना तप है और ना जो दान करना जानता है, न ज्ञान है न शील है न कोई गुण है न धर्म है वह व्‍यक्त्‍िा धरती पर बोझ के समान है और मृग की भांति विचरण करता फिरता है

     विश्व साक्षरता रैकिंग में 234 देशो के बीच भारत का स्थान 168 वे नम्बर पर आता है। हमारे देश में सरकार द्वारा लोगो को साक्षर बनाने के लिए अनेक अभियान चलाये गये है। राजीव गांधी साक्षरता मिशन 1988, मिड डे मील योजना की शुरुवात 1995 में हुई, सर्व शिक्षा अभियान 2001- 2002 में शुरू किया गया, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना 2004 में शुरू हुई,  प्रौढ़ शिक्षा योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना 2015 जैसी अनेक योजनाये सरकार ने शुरू की है।

    2001 की जनगणना में पुरूष साक्षरता 75% प्रतिशत दर्ज की गई थी, जबकि महिला साक्षरता 53% प्रतिशत के अस्‍वीकार्य स्‍तर पर थी। 2011 की जनगणना से यह प्रकट होता है कि भारत ने साक्षरता में उल्‍लेखनीय प्रगति की है। भारत की साक्षरता दर 72.98 प्रतिशत है। पिछले दशक की समग्र साक्षरता दर में 8.14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह एक अच्छा संकेत है।

     केरल (94%), लक्षद्वीप (91%) और मिजोरम (91%) सबसे अधिक की साक्षरता वाले राज्य  बन गये है। मिजोरम, केरल, गोवा, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा महाराष्ट्र, सिक्किम मणिपुर, असम, और उत्तराखंड भारत के 10 सबसे अधिक साक्षर राज्य है।

    जबकि उत्तर प्रदेश 24वे स्थान पर आता है। बिहार, राजस्थान, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश, जम्मू कश्मीर और उड़ीसा भारत के निम्नतम साक्षर राज्य है।

                                     निष्कर्ष-----

     हम सभी को "अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस" पूरे जोश और उल्लास के साथ मनाना चाहिये। शिक्षा के बिना कोई देश तरक्की नही कर सकता है। शिक्षा हमारे भीतर, देश और समाज में फैले अंधकार को दूर करती है। इसलिए सभी देशो को इस अंतर्राष्ट्रीय पर्व को मनाना चाहिये। भारत के लिए इस दिवस का महत्व और भी अधिक है क्यूंकि यहाँ अनेक बच्चे और वयस्क अनपढ़ है।

     गरीबी, स्कूल में शौचालयों की कमी, लड़कियों से होनी वाली बलात्कार और छेड़छाड़ की घटनाये, जातिवाद, बेटियों की शिक्षा की तरफ माता- पिता की उदासीनता जैसे अनेक कारण है जिसकी वजह से आज देश शिक्षा में पीछे है। देश की सरकार और हर नागरिक का कर्तव्य है की व्यक्तिगत, सामुदायिक और समाज में साक्षरता बढ़ाने का अधिक से अधिक प्रयास करें।


                               (साभार एवं सौजन्य-बिजय कुमार)
                                     (संदर्भ-१ हिंदी .कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-08.09.2021-बुधवार.