II वर्षा ऋतु (बारिश का मौसम) पर कविता II- बारिश की बूंद क्रमांक-3

Started by Atul Kaviraje, September 13, 2021, 12:51:53 AM

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Atul Kaviraje

                       II वर्षा ऋतु (बारिश का मौसम) पर कविता II
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मित्रो,

     आज भी आसमान काले बादलों  से भरा हुआ है. बारिश का सुहावना मौसम अभी भी अपना रूप दिखा रहा है. अभी भी बुंदा-बांदी जारी है. आईये, मित्रो, इस वर्षा ऋतू से तन -मन भीगोते  हुए सुनेंगे, कुछ कविताये, रचनाये. बारिश की इस बूंद (बूंद क्रमांक-3), के बोल है- "पानी आया... पानी आयI"


                                  बारिश का मौसम कविता
                                  बारिश की बूंद क्रमांक-3
                                 "पानी आया... पानी आयI"
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पानी आया... पानी आया...
गरज रहे बादल घनघोर
ठमक-ठमक कर नाचे मोर
पी-पी रटने लगा पपीहा
झन-झन-झन झींगुर का शोर
दूर कहीं मेंढक टर्राया,
पानी आया... पानी आया...

रिमझिम-रिमझिम बूंदें आईं
खुशियों की सौगातें लाईं
पेड़ों के पत्तों ने भरभर
झूम-झूमकर तालियां बजाईं
गर्मी का हो गया सफाया,
पानी आया... पानी आया...

भीग रहे कुछ छाता ताने
रानू-मोनू लगे नहाने
छप-छप-छप-छप करते फिरते
सपने जैसे हुए सयाने
बच्चों का मन है हर्षाया I


-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-13.09.2021-सोमवार.