बारिश का मौसम कविता -बारिश की बूंद क्रमांक-5 -"निशि के तम में झर झर"

Started by Atul Kaviraje, September 15, 2021, 12:16:06 AM

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Atul Kaviraje

                              II बारिश का मौसम II
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मित्रो,

     आज भी आसमान काले बादलों  से भरा हुआ है. बारिश का सुहावना मौसम अभी भी अपना रूप दिखा रहा है. अभी भी बुंदा-बांदी जारी है. आईये, मित्रो, इस वर्षा ऋतू से तन -मन भीगोते  हुए सुनेंगे, कुछ कविताये, रचनाये. बारिश की इस बूंद (बूंद क्रमांक-5), के बोल है- "निशि के तम में झर झर"


                                  बारिश का मौसम कविता
                                  बारिश की बूंद क्रमांक-5
                                 "निशि के तम में झर झर"
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निशि के तम में झर झर
हलकी जल की फूही
धरती को कर गई सजल ।
अंधियाली में छन कर
निर्मल जल की फूही
तृण तरु को कर उज्जवल !
बीती रात,...
धूमिल सजल प्रभात
वृष्टि शून्य, नव स्नात ।
अलस, उनींदा सा जग,
कोमलाभ, दृग सुभग !
कहाँ मनुज को अवसर
देखे मधुर प्रकृति मुख ?
भव अभाव से जर्जर,
प्रकृति उसे देगी सुख ?


-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-15.09.2021-बुधवार.