विश्व ओज़ोन दिवस-"ओझोन दिन"-कविता क्रमांक-3

Started by Atul Kaviraje, September 16, 2021, 01:00:19 AM

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Atul Kaviraje

                                       विश्व ओज़ोन दिवस
                                          "ओझोन दिन"
                                      कविता  क्रमांक -3
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मित्रो,

     आज  दिनांक -16.09.2021-गुरुवार   है . आज  के  दिन  का  महत्त्व  यह  है  कि , आज  "विश्व ओज़ोन दिवस" है . आईए , जान  लेते  है , इस  दिन  का  महत्त्व , अन्य  जानकारी , एवं  कुछ  पर्यावरण  कविताये , रचनाये . 

ये धरा अपनी जन्नत है-----

ये धरा,अपनी जन्नत है।
यहाँ प्रेम,शांति,मोहब्बत है।

ईश्वर से प्रदत्त , है ये जीवन।
बन माली बना दें,भू को उपवन।
हमें करना अब धरती का देखभाल।
वरना पीढ़ी हमारी,हो जायेगी कंगाल।
सब स्वस्थ रहें,सब मस्त रहें।
यही "मनी" की हसरत है॥1॥
ये धरा ......

चलो कम करें,प्लास्टिक का थैला।
उठालें झाड़ु हाथों में,दुर करें मैला।
नये पौधे लगायें, ऊर्जा बचायें।
रहन-सहन बदल के, पर्यावरण सजायें।
खुद जीयें और जीने दें।
यही तो खुदा की बरकत हैं॥2॥
ये धरा.....

आज विकट संकट है प्रकट हुआ।
ओजोन छतरी में काला चोट हुआ।
ताप बढ़ रही,नदियाँ घट रहीं।
भोग विलास के साधन में,वन चौपट हुआ।
हरा-नीला धरा,श्वेत-श्याम हो रहीं।
इंसान तेरी ही ये हरकत है॥3॥
ये धरा.....


पृथ्वी संरक्षण पर कविता –
                                बाबूलाल शर्मा
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                            (संदर्भ-कविताबहार .कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-16.09.2021-गुरुवार.