II वर्षा ऋतु (बारिश का मौसम) पर कविता II-बारिश की बूंद क्रमांक-7

Started by Atul Kaviraje, September 17, 2021, 12:22:27 AM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                       II वर्षा ऋतु (बारिश का मौसम) पर कविता II
                     -------------------------------------------

मित्रो,

     आज भी आसमान काले बादलों  से भरा हुआ है. बारिश का सुहावना मौसम अभी भी अपना रूप दिखा रहा है. अभी भी बुंदा-बांदी जारी है. आईये, मित्रो, इस वर्षा ऋतू से तन -मन भीगोते  हुए सुनेंगे, कुछ कविताये, रचनाये. बारिश की इस बूंद (बूंद क्रमांक-7), के बोल है- "बारिश जब आती है"


                                  बारिश का मौसम कविता
                                  बारिश की बूंद क्रमांक-7
                                    "बारिश जब आती है"
                               ---------------------------


बारिश जब आती है
ढेरो खुशिया लाती है.

प्यासी धरती की प्यास बुझाती है
धुलो का उड़ना बंद कर जाती है
मिटटी की भीनी सुगंध फैलाती है
बारिश जब आती है
ढेरो खुशिया लाती है.

भीषण गर्मी से बचाती है
शीतलता हमें दे जाती है
मुसलाधार प्रहारों से पतझड़ को भगाती है
बहारो का मौसम लाती है
बारिश जब आती है
ढेरो खुशिया लाती है.

चारो ओर हरियाली फैलाती है
नदियों का पानी बढाती है
तालाबो को भर जाती है
बारिश जब आती है
ढेरो खुशिया लाती है.

बारिश के चलते ही खेती हो पाती है
किसानो के होठो पे मुस्कान ये लाती है
रिमझिम फुहारों से सुखा मिटाती है
बारिश जब आती है
ढेरो खुशिया लाती है.

मोरो को नचाती है
पहाड़ो में फूल खिलाती है
बीजो से नए पौधे उगाती है
बारिश जब आती है
ढेरो खुशिया लाती है.


                           (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी गाईड्स.इन)
                        ------------------------------------------


-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-17.09.2021-शुक्रवार.