"अंतरराष्ट्रीय परमाणु हथियार पूर्ण उन्मूलन दिवस"-लेख क्रमांक-१

Started by Atul Kaviraje, September 26, 2021, 05:52:27 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                      "अंतरराष्ट्रीय परमाणु हथियार पूर्ण उन्मूलन दिवस"
                                         लेख क्रमांक-१
                    ----------------------------------------------

मित्रो,

     आज दिनांक-२६.०९.२०२१-रविवार है. आज  "अंतरराष्ट्रीय परमाणु हथियार पूर्ण उन्मूलन दिवस" है. आईए जानते  है, इस दिवस का महत्त्व, लेख, एवं अन्य जानकारी.     

                 September 26-International day for the Total                              Elimination of Nuclear Weapons.

--To highlight the need of total elimination of nuclear weapons.

"वर्ष 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा '26 सितंबर' को 'अंतर्राष्ट्रीय परमाणु हथियार पूर्ण उन्मूलन दिवस' के रूप में घोषित किया गया था।"

     यह दिवस विश्व के विभिन्न देशों को परमाणु हथियारों के खतरे के प्रति जागरुक करने एवं उनके उन्मूलन के लिए मनाया जाता है.

     26 सितंबर: अंतरराष्ट्रीय परमाणु हथियारों का पूर्ण उन्मूलन दिवस

     विश्वभर में 26 सितंबर 2017 को अंतरराष्ट्रीय परमाणु हथियार पूर्ण उन्मूलन दिवस मनाया गया. यह दिवस विश्व के विभिन्न देशों को परमाणु हथियारों के खतरे के प्रति जागरुक करने एवं उनके उन्मूलन के लिए मनाया जाता है.

     इस दिवस पर लोगों को तथा विश्व के नेताओं को यह आभास कराया जाता है कि इन हथियारों से होने वाली हानि सामाजिक, आर्थिक एवं निजी जीवन को तबाह कर सकती है. और इसके भयावह स्थिति के परिणाम कई दशकों तक झेलने पड़ते हैं.

     शशि शंकर ओएनजीसी के नए चेयरमैन नियुक्‍त

     आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, विश्व में सबसे ज्यादा परमाणु हथियारों का जखीरा रूस के पास है. जिसके बाद अमेरिका का नंबर आता है.

                       विश्व में परमाणु हथियारों की स्थिति:-----

     संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार विश्व में लगभग 15,000 परमाणु हथियार मौजूद हैं. इस तरह के हथियार रखने वाले देश भली-भांति वित्त पोषित है तथा अपने परमाणु हथियारों को लम्बी अवधि तक आधुनिकीकरण करने की योजना बना चुके हैं.

     शीत युद्ध की समाप्ति के बाद परमाणु हथियारों की तैनाती में कमी आई है लेकिन इन देशों ने परमाणु हथियारों को नष्ट नहीं किया है. परमाणु प्रतिरोध का सिद्धांत उन सभी राज्यों तथा उनके सहयोगी देशों पर लागू होता है जिनके पास परमाणु हथियार हैं.

                                पृष्ठभूमि:-----

     वैश्विक परमाणु निरस्त्रीकरण हासिल करना संयुक्त राष्ट्र के सबसे पुराने लक्ष्यों में से एक है. यह वर्ष 1946 में महासभा के पहले संकल्प का विषय था. सामान्य और पूर्ण निरस्त्रीकरण पहली बार वर्ष 1959 में महासभा के एजेंडे पर आए, तब से परमाणु निरस्त्रीकरण इस क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र का सबसे महत्वपूर्ण और जरूरी उद्देश्य रहा है. परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध से संबंधित पहली वैश्विक संधि की स्वीकृति के लिए संयुक्त राष्ट्र में 120 से अधिक देशों ने मतदान किया, जबकि भारत तथा अमेरिका, चीन एवं पाकिस्तान समेत आठ अन्य परमाणु सम्पन्न देशों ने परमाणु हथियार प्रतिबंध के साधन को लेकर कानूनी तौर पर बाध्यकारी इस वार्ता में हिस्सा नहीं लिया.


                       (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-जाग्रणजोश .कॉम)
                     ------------------------------------------


-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-26.09.2021-रविवार.