"अंतरराष्ट्रीय परमाणु हथियार पूर्ण उन्मूलन दिवस"-लेख क्रमांक-3

Started by Atul Kaviraje, September 26, 2021, 05:56:48 PM

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Atul Kaviraje

                      "अंतरराष्ट्रीय परमाणु हथियार पूर्ण उन्मूलन दिवस"
                                         लेख क्रमांक-3
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मित्रो,

     आज दिनांक-२६.०९.२०२१-रविवार है. आज  "अंतरराष्ट्रीय परमाणु हथियार पूर्ण उन्मूलन दिवस" है. आईए जानते  है, इस दिवस का महत्त्व, लेख, एवं अन्य जानकारी.     

       26 सितम्बर : अंतर्राष्ट्रीय परमाणु हथियार उन्मूलन दिवस----

     26 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु हथियार पूर्ण उन्मूलन दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य वैश्विक समुदाय द्वारा परमाणु हथियार निशस्त्रीकरण के प्रति वचनबद्धता को दर्शाना है। इस दिवस का उद्देश्य लोगों व नेताओं को परमाणु हथियारों के उन्मूलन के लाभ से अवगत करवाना है।

                          पृष्ठभूमि-----

     अंतर्राष्ट्रीय परमाणु हथियार पूर्ण उन्मूलन दिवस की घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दिसम्बर, 2013 में प्रस्ताव पारित करने के पश्चात की थी। इससे पहले 26 सितम्बर, 2013 को अमेरिका के न्यूयॉर्क में परमाणु निशस्त्रीकरण को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गयी थी। इस दिवस का उद्देश्य  लोगों को परमाणु हथियारों के खतरों से अवगत करवाना है।

                         नोट :-----

     संयुक्त राष्ट्र महासभा 29 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु परिक्षण निषेध दिवस के रूप में मनाती है, इसकी घोषणा 2009 में पारित 64/35 प्रस्ताव के तहत की गयी थी I

                       संयुक्त राष्ट्र और परमाणु हथियार-----

1963 में, आंशिक परीक्षण प्रतिबंध संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसने बाहरी अंतरिक्ष और पानी के भीतर परमाणु हथियारों के परीक्षण पर प्रतिबंध लगा दिया।

1967 में, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन में परमाणु हथियारों के निषेध की संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसने पहला परमाणु हथियार मुक्त क्षेत्र स्थापित किया।

1978 में, संयुक्त राष्ट्र ने निशस्त्रीकरण के लिए अपना पहला विशेष सत्र आयोजित किया।

1985 में, दक्षिण प्रशांत राट्रोंगा की संधि के तहत दूसरा परमाणु हथियार मुक्त क्षेत्र बना।

1995 में, दक्षिण पूर्व एशिया बैंकॉक संधि के तहत तीसरा परमाणु हथियार मुक्त क्षेत्र बना।

1996 में, पेलिंडाबा संधि के तहत अफ्रीका चौथा परमाणु हथियार मुक्त क्षेत्र बना।

2006 में मध्य एशिया में परमाणु हथियार मुक्त क्षेत्र पर संधि पर हस्ताक्षर किए गए जिससे मध्य एशिया परमाणु हथियारों से मुक्त होने वाला चौथा क्षेत्र बना।

2017 में, परमाणु हथियारों के निषेध की संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह पहली बहुपक्षीय संधि है जिसने बड़े पैमाने पर परमाणु निशस्त्रीकरण को बाध्य किया।

2020 में परमाणु हथियारों के अप्रसार पर संधि की 50वीं वर्षगांठ मनाई गई।


                   (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-करिअर ट्युटोरियल.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-26.09.2021-रविवार.