“जागतिक पर्यटन दिन” - निबंध क्रमांक-2

Started by Atul Kaviraje, September 27, 2021, 02:33:36 AM

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Atul Kaviraje

                                      "जागतिक पर्यटन दिन"
                                          निबंध क्रमांक-2
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मित्रो,

     आज दिनांक-२७ .०९.२०२१-सोमवार  है. आज  "जागतिक पर्यटन दिन" है. आईए जानते  है, इस दिवस का महत्त्व, लेख, निबंध,भाषण एवं अन्य जानकारी.   
 
                       विश्व पर्यटन दिवस पर निबंध-----


     1980 से हर साल, संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) ने 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस (WTD) मनाया है। UNWTO के क़ानून 27 सितंबर, 1970 को अपनाए गए थे और इसलिए इस तिथि को चुना गया था। डब्ल्यूटीई को मनाने का उद्देश्य पर्यटन की भूमिका पर सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना है और यह प्रदर्शित करना है कि कैसे पर्यटन दुनिया भर में सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक मूल्यों को फैलाने में मदद करता है और एक-दूसरे की संस्कृतियों, धर्मों और आदतों के लिए अधिक सहिष्णुता और प्रशंसा का नेतृत्व करता है।

                 विश्व पर्यटन दिवस का महत्व पर निबंध-----

     एक समय ऐसा आया जब भारत के पर्यटन स्थल खतरे में नजर आने लगे और लगने लगा कि शायद अब भारत पर्यटक स्थल के नाम पर पर्यटकों की पहली पसंद नहीं रहेगा। दुनिया में आई आर्थिक मंदी और आतंकवाद के चलते ऐसा लगने लगा कि पर्यटक अब भारत का रुख करना पंसद नहीं करेंगे पर ऐसा नहीं हुआ। भारत की सांस्कृतिक और प्राकृतिक सुन्दरता इतनी ज्यादा है कि पर्यटक ज्यादा समत तक यहां के सुन्दर नजारे देखने से दूर नहीं रह सके।

     यही वजह है कि भारत में विदेशी सैलानियों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न शहरों में अलग-अलग योजनाएं भी लागू की गयीं हैं। भारतीय पर्यटन विभाग ने सितंबर 2002 में 'अतुल्य भारत' नाम से एक नया अभियान शुरू किया था। इस अभियान का उद्देश्य भारतीय पर्यटन को वैश्विक मंच पर प्रमोट करना था जो काफी हद तक सफल हुआ। इसी तरह राजस्थान पर्यटन विकास निगम ने रेलगाड़ी की शाही सवारी कराने के माध्यम से लोगों को पर्यटन का लुत्फ उठाने का मौका दिया। जिसे 'पैलेस ऑन व्हील्स'नाम दिया गया। राजस्थान पर्यटन विकास निगम की यह पहल दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर भारत का नाम रोशन करने वाला माना गया है।

     देश की पर्यटन क्षमता को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करने वाला यह अपने किस्म का यह पहला प्रयास था। पर्यटन के क्षेत्र में विकास इसके पहले राज्य सरकारों के अधीन हुआ करता था। राज्यों में समन्वय के स्तर पर भी बहुत थोड़े प्रयास दिखते थे। देश के द्वार विदेशी सैलानियों के लिए खोलने का काम यदि सही और सटीक विपणन ने किया तो हवाई अड्डों से पर्यटन स्थलों के सीधे जुड़ाव ने पर्यटन क्षेत्र के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज सैलानी पर्यटन के लिहाज से सुदूर स्थलों की सैर भी आसानी से कर सकते हैं। निजी क्षेत्रों की विमान कंपनियों को देश में उड़ान भरने की इजाजत ने भी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है। सिमटती दूरियों के बीच लोग बाहरी दुनिया के बारे में भी जानने के उत्सुक रहते हैं। यही कारण है कि आज दुनिया में टूरिज्म एक फलता फूलता उद्योग बन चुका है।


                         (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी गाईड्स.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-27.09.2021-सोमवार.