"शिक्षक दिन"-कविता क्रमांक-7

Started by Atul Kaviraje, October 05, 2021, 01:08:25 AM

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Atul Kaviraje

                                          "शिक्षक दिन"
                                         कविता क्रमांक-7
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मित्रो,

     आज दिनांक-०५ .१०.२०२१-मंगलवार है. यह दिन "शिक्षक दिन" के नामसे भी मशहूर है. आईए पढते है शिक्षक के गुणगानपर कुछ कविताये, रचनाये---

   
गिरते है जब हम, तो उठाते है शिक्षक
जीवन की राह दिखाते शिक्षक

अंधेरे ग्रहों पर बनकर दीपक
जीवन को रौशन करते है शिक्षक

कभी नन्हीं आँखों में नमी जो होती
तो अच्छे दोस्त बनकर हमें हँसाते है शिक्षक

झटकती हैं दुनिया हाथ कभी जब
तो झटपट हाथ बढ़ाते शिक्षक

जीवन डगर है जीवन समर है
जीवन संघर्ष करना सिखाते शिक्षक

देकर अपने ज्ञान की पूँजी
हमें योग्य मानव बनाते शिक्षक

इस देश और दुनिया के लिए
एक मुकम्मल समाज बनाते शिक्षक

नहीं हो कहीं अशान्ति, अधर्म
बस यही एक पैगाम फैलाते शिक्षक


                    (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-आर के अलर्ट.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-05.10.2021-मंगळवार.