"आंतररराष्ट्रीय बालिका दिन"-बालिका दिवस पर कविता-कविता क्रमांक-7

Started by Atul Kaviraje, October 11, 2021, 01:55:33 AM

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Atul Kaviraje

                                     "आंतररराष्ट्रीय बालिका दिन"
                                       बालिका दिवस पर कविता
                                            कविता क्रमांक-7
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मित्रो,

     आज दिनांक ११.१०.२०२१-सोमवार है . आज का दिन "आंतररराष्ट्रीय बालिका दिन" यह नाम से भी  जाना जाता है. आईए जानते है, इस दिन का महत्त्व, अन्य जानकारी , शुभेच्छाये, और कुछ कविताये, रचनाये.

बालिका दिवस पर कविता---

मैं जिंदगी में बोझ नहीं हूं
मुझे इस धरा पर आने दो पापा

मैं तुम्हारे हर गम को बंटाऊंगी
मुझे इस धरा पर आने दो पापा

मैं तुम्हारी संपत्ति को नहीं बंटाऊंगी
मुझे इस धरा पर आने दो पापा

मैं साइना नेहवाल बन देश का नाम करूंगी
मुझे इस धरा पर आने दो पापा

मैं मैरीकॉम बन तुम्हारे
दुश्मनों को मार भगाऊंगी
मुझे इस धरा पर आने दो पापा

जब तुम थके-मांदे आओगे
मैं चाय बनाकर लाऊंगी
मुझे इस धरा पर आने दो पापा

मैं दुर्गा बन समाज के महिषासुरों
का विनाश करूंगी
मुझे इस धरा पर आने दो पापा

मैं इंदिरा बनकर पाकिस्तान
के छक्के छुड़ाऊंगी
मुझे इस धरा पर आने दो पापा

मैं मां-बह‍िन-बिटिया बन
लोरी गाऊंगी
मुझे इस धरा पर आने दो पापा


                (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदीकविता शायरी.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-11.10.2021-सोमवार.