"नवरात्रि" - कविता क्रमांक-13

Started by Atul Kaviraje, October 14, 2021, 12:55:14 AM

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Atul Kaviraje

                                               "नवरात्रि"
                                          कविता क्रमांक-13         
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मित्रो,

     आज दिनांक-०७.१०.२०२१-गुरुवार के पावन पर्व पर माँ का आगमन हुआ है. आईए नवरात्री के इस शुभ दिन पर देवी माँ का स्वागत करें. मराठी कविता के मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवयित्रीयो को इस नवरात्री के दिन की बहोत सारी हार्दिक शुभेच्छाये. आईए सूनते है, देवी की स्तुती पर कुछ कविताये ,रचनाये .

    नवरात्रि की पावन बेला में माँ दुर्गा विभिन्न रूप धारण करके तथा भिन्न भिन्न सवारियों पर विराजित हो कर अवतरित होती हैं और माहौल को भक्तिमय बना देती हैं। आइए जाने माँ दुर्गा द्वारा प्रदान किए जाने वाली सौगात–

NO 4--
नवरूपों की सौगात--

सिंह पर सवार होकर, रंगों की फुहार लेकर।
आई माँ दुर्गा नवरूपों की सौगात लेकर।।

भक्ति की भावना भरके, आस्था सहज सजग करके।
पावन संदेश लेकर, नवरात्रि की बहार लेकर।।

सोलह श्रंगार लेकर, खुशियां जीवन में भरके।
आई माँ दुर्गा नवरूपों की सौगात लेकर।।

सुख का वरदान देकर, विश्वास अपार देकर।
स्वादिष्ट प्रसाद बनकर, जीवन में मिठास भरकर।।

अमृत कलश लेकर, दीप चमत्कृत लेकर।
आई माँ दुर्गा नवरूपों की सौगात लेकर।।

भक्तों को आशीष देकर, चहुँ दिश प्रेम भरकर।
कामनायें पूर्ण करके, समस्त सिद्धियों को लेकर।।

मन में विश्वास बनकर, हर कदम पर ढाल बनकर।
आई माँ दुर्गा नवरूपों की सौगात लेकर।।

दुष्टों का संहार करके, शांति का प्रसार करके।
कष्टों में धैर्य देकर, संयम अथाह देकर।।

सागर सम जीवन में प्रेरणा की पतवार देकर।
आई माँ दुर्गा नवरूपों की सौगात लेकर।।

सिंह पर सवार होकर, रंगों की फुहार लेकर।
आई माँ दुर्गा नवरूपों की सौगात लेकर।।

--कवयित्री-डौ. विनिता शुक्ला
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                 (साभार एवंसौजन्य-संदर्भ-विचार और शोध .कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-14.10.2021-गुरुवार.