"गरीबी उन्मूलन के लिये अंतर्राष्ट्रीय दिवस"-निबंध क्रमांक-2

Started by Atul Kaviraje, October 17, 2021, 02:45:28 PM

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Atul Kaviraje

                              "गरीबी उन्मूलन के लिये अंतर्राष्ट्रीय दिवस"
                                           निबंध  क्रमांक-2
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मित्रो,

     आज दिनांक १७.१०.२०२१- रविवार है . आज का दिन  "गरीबी उन्मूलन के लिये अंतर्राष्ट्रीय दिवस" यह नाम से भी  जाना जाता है. आईए जानते है, इस दिन का महत्त्व,  एवं  अन्य जानकारी, निबंध के रूप मे--

                        प्रस्तावना---

     आज के समय में गरीबी को दुनियां के सबसे बडी समस्याओं में से एक माना जाता है। गरीबी एक ऐसी मानवीय स्थिति है, जो हमारे जीवन में दुख-दर्द तथा निराशा जैसी विभिन्न समस्याओँ को जन्म देती है। गरीबी में जीवन जीने वाले व्यक्तियों को ना तो अच्छी शिक्षा की प्राप्ति होती है ना ही उन्हें अच्छी सेहत मिलती है।

                          गरीबी एक त्रासदी---

     गरीबी एक ऐसी मानवीय परिस्थिति है जो हमारे जीवन में निराशा, दुख और दर्द लाती है। गरीबी पैसे की कमी है और जीवन को उचित तरीके से जीने के लिये सभी चीजों के कमी को प्रदर्शित करता है। गरीबी एक बच्चे को बचपन में स्कूल में दाखिला लेने में अक्षम बनाती है और वो एक दुखी परिवार में अपना बचपन बिताने या जीने को मजबूर होते हैं। निर्धनता और पैसों की कमी की वजह से लोग दो वक्त की रोटी, बच्चों के लिये किताबें नहीं जुटा पाने और बच्चों का सही तरीके से पालन-पोषण नहीं कर पाने के जैसी समस्याओं से ग्रस्त हो जाते है।

     हमलोग गरीबी को बहुत तरीके से परिभाषित कर सकते हैं। भारत में गरीबी देखना बहुत आम-सा हो गया है क्योंकि ज्यादातर लोग अपने जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं को भी नहीं पूरा कर सकते हैं। यहाँ पर जनसंख्या का एक विशाल भाग निरक्षर, भूखे और बिना कपड़ों और घर के जीने को मजबूर हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था के कमजोर होने का यही मुख्य कारण है। निर्धनता के कारण लगभग भारत में आधी आबादी दर्द भरा जीवन जी रही है।

     गरीबी एक स्थिति उत्पन्न करती है जिसमें लोग पर्याप्त आय प्राप्त करने में असफल हो जाते हैं इसलिये वो जरुरी चीजों को नहीं खरीद पाते हैं। एक निर्धन व्यक्ति अपने जीवन में मूल वस्तुओं के अधिकार के बिना जीता है जैसे दो वक्त का भोजन, स्व्च्छ जल, घर, कपड़े, उचित शिक्षा आदि। ये लोग जीने के न्यूनतम स्तर को भी बनाए रखने में विफल हो जाते हैं जैसे अस्तित्व के लिये जरुरी उपभोग और पोषण आदि।

     भारत में निर्धनता के कई कारण हैं हालांकि राष्ट्रीय आय का गलत वितरण भी एक कारण है। कम आय वर्ग समूह के लोग उच्च आय वर्ग समूह के लोगों से बहुत ज्यादा गरीब होते हैं। गरीब परिवार के बच्चों को उचित शिक्षा, पोषण और खुशनुमा बचपन का माहौल कभी नसीब नहीं हो पाता है। निर्धनता का मुख्य कारण, अशिक्षा, भ्रष्टाचार, बढ़ती जनसंख्या, कमजोर कृषि, अमीरी और गरीबी के बीच बढ़ती खाई आदि है।

                       निष्कर्ष---

     गरीबी मानव जीवन की वह समस्या है, जिसके कारण इससे ग्रसित व्यक्ति को अपने जीवन में मूलभूत सुविधाएं भी नही मिल पाती है। यही कारण है कि वर्तमान समय में गरीबी से निवारण के कई उपाय ढ़ूढे जा रहे है, ताकि विश्व भर के लोगों के जीवन स्तर को सुधारा जा सके।

                       (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदीकीदुनिया.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-17.10.2021-रविवार.