"विश्व पोलियो दिवस"-लेख क्रमांक-2

Started by Atul Kaviraje, October 25, 2021, 02:30:08 PM

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Atul Kaviraje

                                         "विश्व पोलियो दिवस"
                                             लेख क्रमांक-2
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मित्रो,

     कल  दिनांक २४ .१०.२०२१-रविवार था. कल का दिन "विश्व पोलियो दिवस" यह नाम से भी  जाना जाता है. आईए जानते है, इस दिन का महत्त्व,  एवं  अन्य जानकारी--

     World polio day 2020: पोलियो दो बूंद जिंदगी की, जानें, पोलियो से जुड़ी हर जानकारी---

     पोलियो संक्रमण को रोकने के लिए बच्चों को पोलियो का टीका दिया जाता हैपोलियो संक्रमण को रोकने के लिए बच्चों को पोलियो का टीका दिया जाता है
World polio day 2020: पोलियो से संक्रमित लगभग 72 फीसदी लोगों में किसी भी प्रकार के लक्षण नजर नहीं आते हैं. जबकि शेष 25 फीसदी लोगों को फ्लू की तरह बुखार, गले में खराश, मतली, सिरदर्द, थकान और शरीर में दर्द जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है.

     World polio day 2020 : पोलियो एक अति संक्रामक रोग है. दुनिया के ज्यादातर देश अब पोलियो मुक्त हो चुके हैं, लेकिन कुछ देशों में अब भी इसका प्रकोप है. पोलियो के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर वर्ष 24 अक्टूबर को, अमेरिकी वायरोलॉजिस्ट जोनास साल्क के जन्मदिवस को 'विश्व पोलियो दिवस' के रूप में मनाया जाता है. जोनास साल्क ने दुनिया के पहले सुरक्षित और प्रभावी पोलियो वैक्सीन बनाने में मदद की थी. साल्क के टीके का आविष्कार वर्ष 1955 में हुआ था. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), रोटरी इंटरनेशनल और अन्य संस्थाओं द्वारा 1988 में ग्लोबल पोलियो उन्मूलन पहल (जीपीईआई) की स्थापना के साथ पोलियो को दूर करने की वैश्विक पहल हुई.

     वर्ष 1988 में जीपीईआई के साथ ही दुनिया से पोलियो को खत्म करने पर तेजी से प्रयास होने शुरू हुए. इसके सुखद परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं. भारत सहित दुनिया के अधिकांश देशों ने खुद को सफलतापूर्वक पोलियो मुक्त देश घोषित किया है. अगस्त 2020 के आंकड़ों के अनुसार अफगानिस्तान और पाकिस्तान दो ही ऐसे देश हैं, जहां अब भी पोलियो का संक्रमण है.

     विश्व पोलियो दिवस के अवसर पर आइए उस बीमारी के बारे में विस्तार से जानते हैं, जिसपर दुनिया के ज्यादातर देशों ने लगभग सफलतापूर्वक जीत हासिल कर ली है.

                         पोलियो क्या है?---

     डब्ल्यूएचओ ने पोलियो या पोलियोमाइलाइटिस को अत्यधिक संक्रामक वायरल बीमारी के रूप में परिभाषित किया है. पोलियो वायरस मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है और संक्रमित व्यक्ति के मल से संपर्क में आने वाली वस्तुओं के माध्यम से फैलता है. यह संक्रमण ज्यादातर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है. हालांकि, जिन वयस्कों का टीकाकरण नहीं हुआ है यह संक्रमण उन्हें भी हो सकता है. मुंह या श्वसन प्रणाली के माध्यम से शरीर में प्रवेश करने के साथ ही यह वायरस गले और आंतों तक बढ़ने लगता है. यहां से वायरस शरीर के अन्य अंगों में पहुंचकर केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करना शुरू कर देता है. इसके कारण संक्रमित लोगों को विकलांगता और लकवा जैसी समस्याएं हो सकती हैं. संक्रमण के गंभीर मामलों में रोगी की मृत्यु भी हो सकती है.

       
                     (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी.न्यूझ १८.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-25.10.2021-सोमवार.