"राष्ट्रीय एकता दिवस"-लेख क्रमांक-1

Started by Atul Kaviraje, October 31, 2021, 04:14:17 PM

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Atul Kaviraje

                                      "राष्ट्रीय एकता दिवस"
                                          लेख क्रमांक-1
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मित्रो,

     आज दिनांक-३१.१०.२०२१-रविवार  है. आज का दिन "राष्ट्रीय एकता दिवस" यह नाम से भी  जाना जाता है. आईए जानते है, इस दिन का महत्त्व,  एवं  अन्य जानकारी--

     राष्ट्रीय एकता दिवस पर भाषण 2021– National Unity Day – Pledge & Shapath-Spread the love -

     राष्ट्रीय एकता दिवस 2021-भारत में राष्ट्रीय एकता दिवस लोह पुरुष यानी सरदार वल्ल्भ भाई पटेल के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता है | सरदार वल्लभ भाई पटेल एक स्वतंत्रता सेनानी थे उन्होंने देश के लिए कई योगदान दिए हैं | सरदार पटेल द्वारा ही 562 रियासतों का एकीकरण विश्व इतिहास का एक आश्चर्य था क्योंकि भारत की यह रक्तहीन क्रांति थी। इसी एकीकरण के लिए उन्हें लोह पुरुष की उपाधि मिली थी | राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा 2014 में दिल्ली में की गयी थी, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किया गया |

     यहां मौजूद सभी सज्जनों को मेरी तरफ से नमस्कार! मैं 'राष्ट्रीय एकता' के विषय पर एक भाषण पेश करने के लिए आप सबके समक्ष यहां उपस्थित हूं। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है क्योंकि इससे देश की एकता और अखंडता पर गहरा असर पड़ता है। राष्ट्रीय एकता का क्या अर्थ है? इसका अर्थ है कि किसी देश के निवासियों के बीच सामूहिक पहचान की प्राप्ति होना। यह दर्शाता है कि भले ही हम सभी विभिन्न धर्मों, क्षेत्रों, जातियों से संबंधित होते हैं और अलग-अलग भाषा बोलते हो हमें हमेशा यह महसूस करना चाहिए कि हम सभी एक हैं। एक समृद्ध और मजबूत राष्ट्र के निर्माण के लिए एकता की यह भावना होना बहुत महत्वपूर्ण है। एकता का वास्तविक अर्थ एक एकीकृत धागे के साथ बहुसंख्यक पहचान का अस्तित्व है। इस विषय पर बेंजामिन फ्रैंकलिन के कुछ अनमोल शब्द इस प्रकार हैं – "राष्ट्रीय एकता एक आम पहचान के लिए पूरे देश के लोगों का एकीकरण है।"

     भारत एक विशाल प्रदेश है और विभिन्न समुदायों, संस्कृतियों और जातियों के लोग यहाँ एक साथ रहते हैं। सभी समुदायों के लोगों को एक साथ एकता रुपी धागे में बांधे रखना लगभग असंभव लगता है। इन धार्मिक और सांस्कृतिक मतभेदों के कारण ही हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम बन गया था। अब जब हमारा देश बाहरी खतरों और आंतरिक असंतोष से स्वतंत्र है तो इसकी अखंडता और सम्मान को संरक्षित करने की हमारी पहली और सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।

     राष्ट्रीय एकता न केवल एक मजबूत देश के गठन में मदद करती है बल्कि लोगों के विकास को भी प्रोत्साहित करती है। भारत में 19 नवंबर से 25 नवंबर तक की अवधि को आम जनता के विषय में जागरूकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय एकता सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रीय एकता के विचार ने सामाजिक और धार्मिक मतभेदों को नष्ट करने का भी नेतृत्व किया है। इसलिए यदि हमारे देश के लोग एकता से खड़े रहे तो कई सामाजिक मुद्दों को समाप्त किया जा सकता है। विभिन्न धर्मों और समुदायों के लोग, जो पहले अपने धर्म को दूसरों के धर्म से अच्छा बताते थे, धीरे-धीरे एकता के महत्व को महसूस कर रहे हैं और देश की एकता और सम्मान के समर्थन में खड़े हैं। राष्ट्रीय एकता ने समानता के अदृश्य रुपी धागे के गठन की ओर अग्रसर किया है जो देश को विभिन्न हिस्सों में बांधता है। इससे निश्चित रूप से देश की ताकत में इज़ाफा होता है। स्वतंत्रता के संघर्ष के दौरान हमारे देश के लोग अन्यायपूर्ण विदेशी शासन से स्वतंत्रता हासिल करने के लिए एक साथ आए। अंत में मैं यह कहना चाहूंगा कि हम सभी भारतीय नागरिकों को देश राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए। राष्ट्रीय एकता पर इमानुएल क्लेवर द्वारा कहा गया एक प्रसिद्ध वाक्य इस प्रकार है "विभाजन से एकता में अधिक शक्ति है"। इसलिए सभी सामाजिक, भाषाई और धार्मिक मतभेदों के बावजूद हमें हमेशा एकजुट रहना चाहिए। धन्यवाद।


                       (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदीजानकारी.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-31.10.2021-रविवार.