II शुभ दीपावली II - दीपावली कविता- "दीपों का त्योहार दिवाली आयी है"

Started by Atul Kaviraje, November 04, 2021, 12:26:10 AM

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Atul Kaviraje

                                          II शुभ दीपावली II
                                            दीपावली कविता
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मित्रो,

     आज दिनांक-०४.११.२०२१-गुरुवार है. दीपावली की शुरुवात हुई  है.मराठी कविताके मेरे सभी -हिंदी भाई-बहन कवी-कवयित्रीयोको इस दीपावली कि अनेक हार्दिक शुभेच्छाये.आईए पढते है, दीपावली की एक कविता.

                 दिवाली के बारे में जानकारी---

     दीपावली का त्यौहार प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह में आता है और इस त्यौहार का इंतजार पूरे वर्ष किया जाता है। दिवाली के दिन घी के दीपक, तेल के दीपक अन्य प्रकार की खुशबू वाली मोमबत्तियां जलाई जाती हैं। दिवाली के दिन लक्ष्मी जी और गणेश जी की पूजा भी की जाती है और कहा जाता है कि इस दिन श्री राम जी अपने 14 वर्ष वनवास को काटकर अपने घर अयोध्या नगरी वापस लौटे थे जिसकी खुशी में अयोध्या नगरी के लोगों ने घी के दीपक जलाए थे और यह प्रथा प्रत्येक वर्ष आज भी मनाई जाती है। अयोध्या नगरी में आज भी घी के दीपक जलाए जाते है।
     
     श्री राम जी अयोध्या के राजा थे और उनकी प्रजा हमेशा उनसे बहुत ही खुश थी, उनके न्याय से बहुत खुश थी। श्री राम जी जब अपने चरण कमल वापस अयोध्या में लाये तो अयोध्या वासियों के दिलों में ढेर सारी खुशियां उत्पन्न हुई थी जिसके कारण उन्होंने दिवाली का दिन स्थापित किया और यह प्रथा आज भी विकसित है। आज भी पूरे भारत में घरों में दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है और हिंदू धर्म सनातन धर्म का यह सबसे मुक्त त्योहार माना जाता है।

     बात तो यह है कि प्रत्येक वर्ष दिवाली का त्योहार खुशियों का त्योहार है और हमेशा बहुत सारी खुशियां लेकर आता है और इस दिन सारी मार्केट, बाजार, दुकान, गलियां, चौराहे, घरों की सजावट आदि में बहुत ज्यादा दिलचस्पी बढ़ जाती है। लोग अपने कारखानों, कार्यालयों, ऑफिस, कार्यालय, दफ्तरों आदि की साफ-सफाई सजावट करने में बहुत ज्यादा व्यस्त रहते है तो दोस्तों ऐसे समय में छोटे बच्चे जो की विद्यालयों, कॉलेजों आदि में पढ़ते है उनको दिवाली की कविताएं सबसे ज्यादा प्रसिद्ध कविताएं सुनने का और सुनाने का सुनहरा अवसर प्राप्त होता है।
     
                                "दीपों का त्योहार दिवाली आयी है"
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दीपों का त्योहार दिवाली आयी है,
खुशियों का संसार दिवाली आई है,
घर आंगन सब नया सा लगता है,
नया नया परिधान सभी को फबता है,
नए नए उपहार दिवाली लायी है,
खुशियों का संसार दिवाली लायी है।

                         (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदीपरिचय.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-04.11.2021-गुरुवार.