"स्वतंत्रता संग्रामाचे योद्धा,दूरदर्शी राजनेता,सम्माननीय समाजसेवक"- "सरदार पटेल"

Started by Atul Kaviraje, November 04, 2021, 03:48:38 PM

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Atul Kaviraje

            "स्वतंत्रता संग्रामाचे योद्धा,दूरदर्शी राजनेता,सम्माननीय समाजसेवक "
                                      "भारताचे लोह पुरुष"
                                   "सरदार वल्लभ भाई पटेल "
                         "मार्गदर्शक अनमोल विचार, अनमोल वचन,नारे"
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     "महापुरुष आणि थोर विचारवंतांचे मार्गदर्शक विचार" या मालिके-अंतर्गत आज ऐकुया, "सरदार वल्लभ भाई पटेल " यांचे अनुभवी, थोर, आणि मार्ग-दर्शक विचार ( विचार पुष्प क्रमांक-48)

     सरदार वल्लभ भाई पटेल स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्त्वपूर्ण योद्धा, एक दूरदर्शी राजनेता, एक सम्माननीय समाजसेवक थे। जिन्हें भारत का लौह पुरुष भी कहा जाता है। सरदार पटेल स्वतंत्रता के बाद भारत के पहले उप – प्रधानमंत्री व गृह मंत्री बनाए गए।

     सरदार पटेल के विचार , जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जनता को भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में कूदने के लिए प्रेरित किया। इस लेख में उन्हीं अनमोल विचारों में से चुने हुए सरदार वल्लभ भाई पटेल के विचार लिखे गए हैं।

     सरदार वल्लभ भाई पटेल के विचार समाज के लिए, युवाओं के लिए, देश के लिए, हम सब के लिए एक प्रेरणास्त्रोत हैं। आज जब देश राजनीतिक नपुंसकता से गुजर रहा है तब सरदार वल्लभ भाई पटेल के विचार इस देश के नेताओ के साथ साथ हर नागरिक को पता होना चाहिए। हम सिर्फ उनकी मूर्ति बनाकर नहीं छोड़ सकते। बल्कि इस देश के हर छात्र को सरदार पटेल के विचारों से अवगत कराया जाना चाहिए।

     देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में सरदार पटेल जी का एक महत्त्वपूर्ण योगदान है। लेकिन वहीं भारत के बंटवारे को लेकर भी सरदार पटेल ने कहा था कि –"हमने यह महसूस किया है कि यदि हमने विभाजन स्वीकार नहीं किया तो भारत छोटे – छोटे टुकड़ों में विभाजित होकर विनष्ट हो जाएगा। कार्यालय में मेरे एक वर्ष के अनुभव से मुझे ज्ञात हुआ कि हम जिस रास्ते पर चल रहे थे वह हमें विनाश की ओर ले जा रहा था। ऐसा करने पर हमारे पास एक नहीं कई पाकिस्तान होते। हमारे प्रत्येक कार्यालय में एक पाकिस्तानी शाखा होती।"

     ऊपर लिखे हुए कथन से पता चलता है कि भारत के बंटवारे को लेकर सरदार वल्लभ भाई पटेल के विचार क्या थे। लेकिन मीडिया और आज के राजनीतिक दलों द्वारा गलत जानकारी और अपवाह को बढ़ावा दिया जाता है।


                                " मार्गदर्शक विचार पुष्प क्रमांक-48 "
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~"आज हमें ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, जाति-पंथ के भेदभावों को समाप्त कर देना चाहिए।"


                  (साभार आणि सौजन्य-संदर्भ-हिंदी ऑनलाईन जानकारी.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-04.11.2021-गुरुवार.