"गुरु नानक जयंती"-निबंध क्रमांक-2

Started by Atul Kaviraje, November 19, 2021, 04:42:35 PM

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Atul Kaviraje

                                           "गुरु नानक जयंती"
                                             निबंध क्रमांक-2
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मित्रो,

     आज दिनांक-१९.११.२०२१-शुक्रवार है. आज शीख संप्रदाय के प्रथम धर्मगुरू, श्री नानक देव जी की जयंती है. मराठी कविताके मेरे सभी शीख भाई-बहन, कवी-कवयित्रीयोको मेरी अनेको हार्दिक शुभेच्छाये.  आईए इस जयंती पर्व पर जIनते है, पढते है , महत्त्वपूर्ण लेख, निबंध, शुभकामनाये, गुरु नानक जी का शुभ संदेश, एवं कुछ कविताये, रचनाये.

               गुरु नानक जयंती पर निबंध---

                      प्रस्तावना---

     सिख समुदाय के पहले गुरु के रूप में गुरु नानक देव जी को जाना जाता है। गुरु नानक देव जी ने ही सिख समुदाय की नीव को स्थापित किया था। गुरु नानक देव को 'बाबा नानक देव' और 'नानक साहेब' के नाम से भी जाना जाता है। गुरु नानक देव ने अपने उद्देश्य, सिद्धांतों के लिए अपने जीवन की यात्रा का 25 साल प्रचार किया। उन्होंने उद्देश्य और सिद्धांतों का बढ़-चढ़कर प्रचार प्रसार भी किया और आखिर में अपनी यात्रा को उन्होंने करतारपुर नाम के गांव में खत्म कर दिया था।

     उसके बाद से वह अपनी आखिरी सांस तक करतारपुर गांव में रहने लगे। बचपन से ही ये सिक्ख मिशन में जुड़ गए थे। इन्होंने सिख समुदाय के लिए बहुत काम किए जगह-जगह धर्मशालाएं बनवाई और सिक्ख समुदायों का गठन भी किया। सिख धर्म हमारे हिंदू धर्म से निकली हुई एक शाखा है।

          गुरु नानक देव जी का जन्म और पारिवारिक विवरण---

     सिख धर्म के प्रथम गुरु और संस्थापक गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में कार्तिक की पूर्णिमा के दिन भारत के पंजाब जिले के तलवंडी (यह हिस्सा अब पाकिस्तान में है) गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम बाबा कालु चंदू वेदी था। इनके पिता उस गांव के राजस्व प्रशासन अधिकारी के पद पर काम करते थे। इनकी माता का नाम त्रिपति था। वह बहुत ही धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थी।

     गुरु नानक देव जी का जन्म एक संपन्न परिवार में ही हुआ था। गुरु नानक देव जी का 16 साल की उम्र में विवाह हो गया था। विवाह के बाद इनके यहां दो पुत्र श्रीचंद और लक्ष्मी दास का जन्म हुआ। पुत्रों के जन्म लेने के बाद इन्होंने अपना घर परिवार पूरी तरह से छोड़ दिया था और अपने उद्देश और सिद्धांतों के प्रचार के लिए निकल पड़े हैं।

--राहुल  सिंग  तन्वर
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                       (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-द सिम्पल हेल्प.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-19.11.2021-शुक्रवार.