"गुरु नानक जयंती"-निबंध क्रमांक-4

Started by Atul Kaviraje, November 19, 2021, 05:16:53 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                           "गुरु नानक जयंती"
                                             निबंध क्रमांक-4
                                         --------------------

मित्रो,

     आज दिनांक-१९.११.२०२१-शुक्रवार है. आज शीख संप्रदाय के प्रथम धर्मगुरू, श्री नानक देव जी की जयंती है. मराठी कविताके मेरे सभी शीख भाई-बहन, कवी-कवयित्रीयोको मेरी अनेको हार्दिक शुभेच्छाये.  आईए इस जयंती पर्व पर जIनते है, पढते है , महत्त्वपूर्ण लेख, निबंध, शुभकामनाये, गुरु नानक जी का शुभ संदेश, एवं कुछ कविताये, रचनाये.

               गुरु नानक जयंती पर निबंध---

             गुरु नानक देव के विचार एवं जीवन के उद्देश्य---

     गुरु नानक देव जी के विचार और उनके द्वारा दिए गए उपदेशों को सुनकर सभी लोग उनका पालन भी करते थे। वह सभी लोगों को ईश्वर की भक्ति में विश्वास करने के लिए कहते थे, उनका जीवन बहुत सादगी पूर्ण रहा था। गुरु नानक देव मूर्ति पूजा में बिल्कुल विश्वास नहीं करते थे। उन्होंने अपने इन आध्यात्मिक विचारों के द्वारा लोगों को अपने ज्ञान और विचार से बहुत प्रभावित किया। उन्होंने हमेशा सभी लोगों को एक सही रास्ता दिखाया।

     गुरु नानक देव सभी गरीबों और जो भी जरूरतमंद लोग हैं, उन सभी की मदद के लिए हमेशा आगे रहते थे। इसीलिए लोग उनके सभी उपदेशों को बहुत सरलता से समझते थे और उनका पालन भी करते थे। गुरु नानक देव सभी मनुष्य को एक समान रखते थे। किसी में कोई भेदभाव या फर्क नहीं समझते थे।

   समाज की गंदी सोच बदलने और अन्याय के खिलाफ लगा दी अपनी जिंदगी---

     गुरु नानक देव ने समाज को सुधारने के लिए अपनी पूरी जिंदगी लगा दी। वो लोगों के पथ प्रदर्शक भी बने, लेकिन समाज के जो भेदभाव हो रहा था, उससे वह बहुत परेशान थे। इन सभी बुराइयों को और समाज मे व्याप्त गरीबी, भूखमरी को मिटाना चाहते थे। सभी लोगों को ईश्वर का बच्चा समझते थे। उनका प्रमुख लक्ष्य सभी लोगों की सच्चे मन से सेवा करना था। इन सभी में वह बहुत खुश रहे थे।

     उस समय समाज में अनेक अंधविश्वास और सामाजिक कुरीतियां बढ़ रही थी। उन सभी को समाज से गुरुनानक देव जी दूर करना चाहते थे। गुरु नानक देव ने देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी जाकर लोगों को प्रेम का संदेश दिया और सभी को शांति का मार्ग भी दिखाया। इन सब समाज की गंदी सोच रखने वाले लोगों और अन्याय के खिलाफ गुरु नानक देव ने अपनी पूरी जिंदगी लोगों को सुधारने में लगा दी। उनके उपदेशों को सुनकर लोग इतने प्रभावित हो जाते थे और उनके भक्त बन जाते थे।

                 गुरु नानक देव जी की मृत्यु---

     गुरु नानक देव को देश विदेशों में प्रचार करने के बाद अंत में वो करतारपुर (वर्तमान में यह अब पाकिस्तान में है) में आकर रहने लगे, उन्होंने अपना पूरा जीवन इसी गांव में निकाल दिया। इसके बाद 22 सितंबर 1539 को इनकी मृत्यु करतारपुर में ही हो गई। करतारपुर में स्थित गुरुद्वारा सिक्खों का सबसे बड़ा तीर्थ स्थान है।

                      निष्कर्ष---

     गुरु नानक देव की तीन बड़ी शिक्षाएं खुशहाली से जीवन जीने का मंत्र सिखाती हैं। पहली शिक्षा नाम जपो, दूसरी कीरत करो और तीसरी वंड छको। ये शिक्षा मनुष्य के कर्म से जुड़ी हैं। इसके अलावा उन्होंने अपने उपदेश और सिद्धांतों के आधार पर हिंदू मुसलमानों को भी एक करने की बहुत कोशिश की।

     गुरु नानक देव ने अच्छा और सही समाज बनाने की भी पूरी कोशिश की। उनके विचारों के द्वारा लोगों को सही रास्ता दिखाने में मदद मिली, इसीलिए आज लोग उनको पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजते हैं।

--राहुल  सिंग  तन्वर
-------------------


                      (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-द सिम्पल हेल्प.कॉम)
                     -------------------------------------------


-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-19.11.2021-शुक्रवार.