"भारताचे पूर्व प्रधान-मंत्री यांचे विचार" - "लाल बहादुर शास्त्री"

Started by Atul Kaviraje, November 26, 2021, 04:38:37 PM

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Atul Kaviraje

                                "भारताचे पूर्व प्रधान-मंत्री यांचे विचार"
                                       "लाल बहादुर शास्त्री"
                                        "मार्गदर्शक विचार"
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     "महापुरुष आणि थोर विचारवंतांचे मार्गदशक विचार" या मालिके-अंतर्गत आज ऐकुया, "लाल बहादुर शास्त्री" यांचे अनुभवी, थोर, आणि मार्ग-दर्शक विचार ( विचार पुष्प क्रमांक-70)

                        लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय---

      प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में जब इन्हें रेल मंत्री बनाया गया तब देश में हुई एक रेल दुर्घटना में बहुत जान माल का नुकसान हुआ, जिसकी जिम्मेदारी स्वयं अपने ऊपर लेते हुए रेल मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। तब प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इस्तीफा स्वीकार करते हुए संसद में कहा कि मैं सिर्फ इसलिए यह इस्तीफा स्वीकार नहीं कर रहा हूं कि लाल बहादुर शास्त्री जी इस घटना के जिम्मेदार हैं, बल्कि यह इस्तीफा इसलिए स्वीकार कर रहा हूं क्योंकि इससे संवैधानिक मर्यादा में एक मिसाल कायम होगी हम राजनेताओं की जनता के प्रति एक जवाबदेही होगी। तब संसद में लाल बहादुर शास्त्री जी के इस कार्य की बहुत प्रशंसा हुई थी।

     सन् 1962 में प्रधानमंत्री जवाहलाल नेहरू के कार्यकाल में भारत- चीन के युद्ध के दौरान देश की काफी क्षति हुई थी। भारत अभी तक उस क्षति से बाहर भी नहीं आ पाया था तभी 27 मई 1964 के दिन जवाहरलाल नेहरू जी का देहांत हो गया।

     तब सदन के सबसे बड़े राजनीतिक दल कांग्रेस ने एक ईमानदार और साफ सुथरी छवि वाले वरिष्ठ नेता लाल बहादुर शास्त्री को प्रधानमंत्री पद के लिए अपना नेता चुना।

     भारत-चीन के युद्ध के समय में हुई क्षति, नए प्रधानमंत्री और भारत में बढ़ती हुई खाद्य कीमतों को देखते हुए पाकिस्तान ने इस घटनाक्रम का फायदा उठाने की कोशिश की और सन् 1965 में भारत के साथ युद्ध की घोषणा कर दी। लाल बहादुर शास्त्री जी को अभी कुछ ही समय हुआ था प्रधानमंत्री पद संभाले हुए परन्तु प्रधानमंत्री जी ने अपनी पूर्ण कर्तव्य निष्ठा से अपने पद का कार्यभार संभाला और भारतीय सेना को पूर्ण आजादी देते हुए कहा कि देश की सुरक्षा करना आपको बेहतर आता है इसलिए आप हम लोगों को बताइए कि हम इस युद्ध में भारतीय सेना की किस प्रकार मदद कर सकते हैं।


                                 " मार्गदर्शक विचार पुष्प क्रमांक-70 "
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~"यदि कोई व्यक्ति हमारे देश में अछूत कहा जाता है, तो भारत को अपना सर शर्म से झुकाना पड़ेगा।"

--लाल बहादुर शास्त्री.


                 (साभार आणि सौजन्य-संदर्भ -हिंदी ऑनलाईन जानकारी.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-26.11.2021-शुक्रवार.