II गणतंत्र दिवस II-भाषण क्रमांक-8

Started by Atul Kaviraje, January 26, 2022, 06:18:22 PM

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Atul Kaviraje

                                         II गणतंत्र दिवस II
                                           भाषण क्रमांक-8
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मित्रो,

       आज बुधवार, दिनांक-२६ जानेवारी, २०२२ है.  इसी दिन, 26 जनवरी 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था. 26 जनवरी को मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस को 'स्वतंत्रता दिवस' के रूप में मनाया जाता है. मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन, कवी-कवयित्रीयोको प्रजासत्ताक (गणतंत्र) दिवस की हार्दिक शुभकामनाये. आईए पढते है, इस दिवस का महत्त्व, इतिहास, लेख, निबंध,भाषण, शायरी, अनमोल वाचन, शुभकामनाये, शुभेच्छाये, एवं अन्य महत्त्वपूर्ण जIनकारी.

     सर्वप्रथम मैं आप सभी का हार्दिक अभिनंदन करती हूँ और आभार व्यक्त करती हूँ जो मुझे इस पावन बेला पर दो शब्द बोलने का मौका मिला। मै यहाँ उपस्थित सभी गुरुजनों और अभिभावक-गणों को प्रणाम कर अपनी बात को आगे बढ़ाने की आज्ञा चाहती हूँ।

     हम सब यहाँ  अपने 72वें गणतंत्र दिवस को मनाने के लिए एकत्र हुए है।

     हमारा देश त्योहारों का देश है। यहाँ हर महीने में दो-चार त्योहार पड़ते ही रहते है। लेकिन उनमें से भी तीन पर्व सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है, जिसे राष्ट्रीय पर्व कहा जाता है। 26 जनवरी, 15 अगस्त और 2 अक्टूबर को, क्रमशः गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयन्ती, राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते है।

     आज ही के दिन हमारा देश पूर्ण गणतंत्र राष्ट्र घोषित हुआ था। आजादी की लंबी लड़ाई और लाखों कुर्बानियों के बाद 15 अगस्त 1947 को हमारा देश स्वतंत्र हुआ। परंतु ये आजादी अधूरी थी; उस समय हमारा देश कई टुकड़ो में बटा था, जिसे एक करना देश की सबसे बड़ी चुनौती थी।

     हमारे देश के पास अपना कोई लिखित संविधान नहीं था। बिना अनुशासन के किसी का भी विकास संभव नही। चाहे व्यक्ति हो या देश। इस बात को ध्यान में रखते हुए संविधान सभा का गठन हुआ, जिसमें 299 सदस्य थे। इसकी अध्यक्षता डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने की थी। इसकी पहली बैठक 1946 के दिसंबर महीने में हुई थी। और 2 साल 11 महिने 18 दिनो में अन्ततः 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हुआ। 26 जनवरी 1950 को पूरे देश में लागू कर दिया गया।

     इसके पीछे भी ऐतिहासिक कहानी है, यूं हि इस दिन को गणतंत्र दिवस के लिए नहीं चुना गया। इसके पीछे बहुत बड़ा कारण है। आज ही के दिन, 26 जनवरी 1930 में लाहौर अधिवेशन में कांग्रेस ने रावी नदी के तट पर पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी।

     हमारा संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, जिसे अलग-अलग देशो के संविधानों को पढ़ने के बाद, उनकी अच्छी-अच्छी बातों को ग्रहण किया गया है। संविधान पर सबसे ज्यादा प्रभाव भारत सरकार अधिनियम 1935 का पड़ा। हमारे 395 अनुच्छेदों में से 250 तो इसी से लिया गया है। 'संसदीय व्यवस्था' ब्रिटेन से, 'मूल अधिकार' अमेरिका से, 'राष्ट्रपति की निर्वाचन पध्दति' आयरलैंड से, 'गणतंत्रीय ढाँचा' और 'स्वतंत्रता समता बंधुत्व' फ्रांस से, 'समवर्ती सूची' आस्ट्रलिया से, 'आपातकाल' जर्मनी से, 'राज्यसभा' दक्षिण अफ्रीका से, सोवियत संघ से 'प्रस्तावना' लिया गया है।

     यह सब तो हुई निर्माण की बातें। अब चलते-चलते संविधान में है क्या, इस बारे में चर्चा कर लेते है।

     मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, 22 भाग और 8 अनुसूचियां थी। हमारा देश संसदीय कार्य-प्रणाली पर आधारित है, जिसका प्रमुख संसद है, अर्थात देश की शासन-प्रणाली का सर्वोच्च संसद है। संसद के तीन भाग है- लोकसभा, राज्यसभा और राष्ट्रपति। वर्तमान में 395 अनुच्छेद, 22 भाग और 12 अनुसूचियां है।

     इस मौके पर राजपथ पर परेड की जाती है। सुबह 8 बजे के करीब राष्ट्रपति झण्डारोहण करते हैं और तीनों सेनाओं की सलामी लेते है। उसके बाद तीनों सेना अपनी-अपनी शक्तियों का प्रदर्शन करते हैं, और आकाश में करतब दिखाते है। अलग-अलग राज्य भी अपनी-अपनी विशेषता लिए झाँकी निकालते है।

     आज इस पावन मौके पर ब्राजील के राष्ट्रपति 'जायर बोलोनसरो' पधारे हैं जो प्रधानमंत्री जी के न्यौते पर भारत की महिमा देखनें आए हैं। इसी बहाने पूरा विश्व हमारी शक्ति से वाक़िफ होता है।

     हमारे देश के महानायको नें हमें आजादी दिलाकर और संविधान बनाकर अपनी जिम्मेदारी निभा दी है। लोकतंत्र में लोगों का तंत्र होता है, जनता ही जनार्दन होती है। इसलिए हमारा ये मौलिक कर्तव्य बनता है कि हम अपने देश के तंत्र और संविधान की रक्षा और सम्मान करें। इन्ही शब्दों के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देती हूँ।

जय हिन्द, जय भारत!


--AUTHOR UNKNOWN
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                      (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदीकीदुनिया.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-26.01.2022-बुधवार.