II गणतंत्र दिवस II-भाषण

Started by Atul Kaviraje, January 26, 2022, 07:50:40 PM

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Atul Kaviraje

                                         II गणतंत्र दिवस II
                                                भाषण
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मित्रो,

       आज बुधवार, दिनांक-२६ जानेवारी, २०२२ है.  इसी दिन, 26 जनवरी 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था. 26 जनवरी को मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस को 'स्वतंत्रता दिवस' के रूप में मनाया जाता है. मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन, कवी-कवयित्रीयोको प्रजासत्ताक (गणतंत्र) दिवस की हार्दिक शुभकामनाये. आईए पढते है, गणतंत्र दिवस पर कविताए.

                        26 जनवरी के भाषण---

     नमस्कार, आदरणीय अतिथि गण, प्रधानाचार्य जी, मेरे साथ कार्यरत सभी शिक्षण गण एवं सभी प्यारे बच्चों।

     प्रथम आप सभी को मेरी ओर से गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आज हम देश का 72वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। गणतंत्र दिवस वह दिन है जिसको पूरा देश एक साथ मिलकर मनाता है। यह दिन सभी देशवासियों के लिए इसलिए महत्व रखता है क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। यानी कि देश में कानून के राजकीय शुरुआत हुई थी।

     26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व का दर्जा प्राप्त है। हर साल इस दिन को हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इंडिया गेट पर राज्यों की झांकियां निकाली जाती है। लंबे समय तक हमारे मातृभूमि पर ब्रिटिश शासन रहा है और भारत के लोगों ने सालों तक उनकी गुलामी की है जिसके किस्से कहानियां सुन कर रूह ऐठ जाती है। लंबे संघर्ष के बाद भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने अंत: 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी दिलाई। आजादी के लगभग ढाई साल बाद यानी 26 जनवरी 1950 को हमारे देश ने अपना संविधान लागू कर दिया और भारत ने खुद को एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में घोषित कर दिया।

     भारतीय संविधान में हमारी संसद में लगभग 2 साल 11 महीने 18 दिनों के बाद 26 जनवरी को पास किया गया। भारत में खुद को संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया जिसके बाद 26 जनवरी को भारतीयों के द्वारा गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

     आजादी के बाद एक ड्राफ्ट कमेटी को 28 अगस्त 1947 की मीटिंग में भारत के स्थाई संविधान का प्रारूप तैयार करने के लिए कहा गया था। डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में 4 नवंबर 1947 को भारतीय संविधान के प्रारूप को सदन में रखा गया। इसमें लगभग ढ़ाई साल का समय लगने के बाद यह पूरी तरह से तैयार हो पाया था और आखि़र कार इंतजार की घड़ी समाप्त हुई और 26 जनवरी 1950 को इसे लागू कर दिया गया था। तभी से हम सभी भारतीयों के लिए बेशक वो अपने देश से बाहर ही क्यों ना रहते हो इस त्योहार को मनाना उनके लिए बहुत ही सम्मान की बात है।

     सभी स्कूलों, कॉलेजों में एवं ऑफिस में भी 26 जनवरी को भारत का झंडा फहराया जाता है और काफी सारे प्रोग्राम का आयोजन भी किया जाता है जिसकी तैयारी महीनों पहले से होने लगती है, जो कि हमने भी मिल कर किया है।

     भारत के लोग इस दिन को पूरे उत्साह और खुशी के साथ मनाते हैं, 26 जनवरी के दिन पूरे भारत के सभी राज्यों की राजधानियों और राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में भी बड़े पैमाने पर उत्सव का खास प्रबंध को आयोजित किया जाता है। आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण और राष्ट्रीय गान के साथ की जाती है। सिर्फ इतना ही नहीं हमारे देश के तीनों सेना के द्वारा परेड भी की जाती है जो समान्यत: विजय चौक से शुरू होती है और इंडिया गेट पर जा कर खत्म होती है और अंत में हमारा पूरा देश जन गण मन के स्वर से गूंजता रहता है।

     अब 26 जनवरी के भाषण के अंत में मैं कुछ पंक्तियां बोलना चाहती हूं –

"ए मेरे देश तू ही आज़ाद रहे, तेरा यह अधिकार रहे।
तेरी इस आजादी पर मेरे जैसे लाखों जान कुर्बान रहे।
कांटों के बीच फूल खिलाए, धरती को स्वर्ग बनाओ।
आओ सबको गले लगाए, मिलकर गणतंत्र दिवस मनाए।
वतन हमारी शान है, वतन ही हमारा मान है।
हम उस देश के वासी हैं जिसका नाम हिन्दुस्तान है"।
--आप सबको गणतंत्र दिवस की बहुत सारी शुभकामनाएं।

--धन्यवाद
--जय हिन्द.

--हिमांशू  ग्रेवाल
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                          (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-१० लाईन्स.को)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-26.01.2022-बुधवार.