II गणतंत्र दिवस II-कविता क्रमांक-36

Started by Atul Kaviraje, January 27, 2022, 01:19:19 AM

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Atul Kaviraje

                                          II गणतंत्र दिवस II
                                           कविता क्रमांक-36
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मित्रो,

       कल बुधवार, दिनांक-२६ जानेवारी, २०२२ था .  इसी दिन, 26 जनवरी 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था. 26 जनवरी को मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस को 'स्वतंत्रता दिवस' के रूप में मनाया जाता है. मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन, कवी-कवयित्रीयोको प्रजासत्ताक (गणतंत्र) दिवस की हार्दिक शुभकामनाये. आईए पढते है, गणतंत्र दिवस पर कविताए.

#11.विजय पर्व गणतंत्र दिवस है
नव भारत की नव पहचान,
कोटि कोटि जनता ने पाया
अपना निर्मित नया विधान।

हुए सभी हम भारतवासी
अपनी किस्मत के निर्माता,
अंग्रेजी काले नियमों से
मुक्त हो गई भारतमाता।

बिना भेद के पाई सबने
एक अनोखी अवसर-समता,
जनता ने पहचानी फिर से
विश्व – पटल पर अपनी क्षमता।

लहर लहर कर नीलगगन में
लगा फहरने भारत का ध्वज,
एक राष्ट्र में बँधकर महकी
संप्रभुता से गर्वोन्नत रज।

जनता को सर्वोच्च समझकर
लोकतंत्र हमने अपनाया,
धर्मों से निरपेक्ष रहे हम
राष्ट्रगान को मिलकर गाया।

वीर शहीदों की कुर्बानी
व्यर्थ नहीं जाने पाएगी,
देशप्रेम की भीनी खुशबू
जन गण मन को महकाएगी।

हो सद्भाव सभी के मन में
कहीं न हो आतंकी दंगा,
अमर रहे गणतंत्र हमारा
रहे फहरता सदा तिरंगा।


--नरेंद्र  सिंग
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                     (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी-बायो-ग्राफी.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-27.01.2022-गुरुवार.