II जय श्री हनुमान II-श्री हनुमान भजन-"मैं अपने राम को रिझाऊं"

Started by Atul Kaviraje, February 12, 2022, 08:12:41 PM

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Atul Kaviraje

                                         II जय श्री हनुमान II
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज शनिवार. देव हनुमंताचा वार. आज ऐकुया, मारुतीचे एक भजन. या हनुमान भजनIचे बोल आहेत- "मैं अपने राम को रिझाऊं"

     चेतावनी भजन "मैं अपने राम को रिझाऊं चेतावनी भजन लिरिक्स | Me Apne Ram Ko Rijhau Chetawani Bhajan Lyrics" Sanjeev Dabloo जी के द्वारा गाया हुआ है। चेतावनी भजन का वीडियो और लिरिक्स दिया गया है।


                                      श्री हनुमान भजन
                                 "मैं अपने राम को रिझाऊं"
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मैं अपने राम को रिझाऊं,
राम को रिझाऊं ।
अपने श्याम को रिझाऊं,
मैं अपने राम को रिझाऊं ।।

डाली छेड़ू न पत्ता छेड़ू,
ना कोई जिव सताऊं ।
पात पात में प्रभु बसत है,
वाही को शीश नवाऊँ ।।

मैं अपने राम को रिझाऊं ।।

गंगा ने जाऊ जमुना ने जाऊ,
ना कोई तीरथ नहाऊं ।
अडसठ तीरथ घट के भीतर,
तिन्ही में मलके नहाऊं ।।

मैं अपने राम को रिझाऊं ।।

ओषधि खाऊं ना बूटी लाऊँ,
ना कोई वैध बुलाऊँ ।
पूर्ण वैध अविनासी,
वाही को नबज दिखाऊं ।।

मैं अपने राम को रिझाऊं ।।

ज्ञान कुठारा कस कर बाँधू,
सूरत कमान चढ़ाऊँ ।
पांच चोर बसे घट भीतर,
तिनको मार गिराऊं ।।

मैं अपने राम को रिझाऊं ।।

योगी होऊं न जटा बढ़ाऊ,
ना अंग विभूत रमाऊँ ।
जेहि का रंग रंगे विधाता,
और क्या रंग चढ़ाऊँ ।।

मैं अपने राम को रिझाऊं ।।

चंद्र सूर्ये दोऊ समकार राख्यो,
निजमन सेज बिछाऊं ।
कहत कबीर सुनो भाई साधो,
आवागमन मिटाऊं ।।

मैं अपने राम को रिझाऊं ।।

मैं अपने राम को रिझाऊं,
राम को रिझाऊं ।
अपने श्याम को रिझाऊं,
मैं अपने राम को रिझाऊं ।।


--संजीव दाबलू 
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                  (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-ऑल भजन लैरिकस.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-12.02.2022-शनिवार.