II वैलेंटाइन्स डे II-कविता क्रमांक-5

Started by Atul Kaviraje, February 14, 2022, 12:37:52 AM

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Atul Kaviraje

                                          II वैलेंटाइन्स डे II
                                           कविता क्रमांक-5
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मित्रो,

     आज दिनांक-१४ फेब्रुवारी, २०२२ - सोमवार है. आजका दिन "वैलेंटाइन दिवस या संत वैलेंटाइन दिवस (अंग्रेज़ी: Valentine's Day), एक अवकाश दिवस है, जिसे 14 फ़रवरी को अनेकों लोगों द्वारा दुनिया भर में मनाया जाता है। अंग्रेजी बोलने वाले देशों में, ये एक पारंपरिक दिवस है, जिसमें प्रेमी एक दूसरे के प्रति अपने प्रेम का इजहार वैलेंटाइन कार्ड भेजकर, फूल देकर करते हैं।" आईए इस अवसर पर पढते है, कुछ प्रेम रचनाये, कविताये. 

     वैलेंटाइन्स डे प्यार का त्योहार हैं प्यार में मिलना बिछड़ना होता ही है, लेकिन यादें हमेशा खुशियों से भरी होती हैं. बस महसूस करने के तरीके उसे दर्द या तकलीफ का नाम दे देते हैं. यहाँ मेरी वो यादे हैं जिन्हें मैंने बहुत वक्त पहले जिया था, फिर वो लमहे मेरे हाथ से छूट गए, लेकिन उस मुसाफ़िर को कभी खुद से दूर नहीं किया मैंने. अपनी उन यादों को जिंदगी में जगह दी और हमेशा दिल से लगाया. वैलेंटाइन डे के मौके पर मेने अपनी भावनाओं में बस करुण रस को अल्फाज़ों में बयां किया.

     वैलेंटाइन डे सभी यूवा युवतियों के लिए खास होता हैं, इसे अगर काव्य का रूप मिल जाता है, तो अहसासों में सुर आ जाते हैं.

     वैलेंटाइन डे स्पेशल कविता मुसाफ़िर मेरी यादों का अनमोल तराना---

हर शाम उस मुसाफ़िर के नाम,
जो लाया था प्यार का पैगाम.
करती हूँ उसे दिल से सलाम,
पिलाया था जिसने मोहोब्बत का जाम |

हर तरफ से निराश था यह मन,
खुशियों के लिए भटकता जीवन |
उसने सिखाया जीने का सलीका,
हर पल हँसते रहने का तरीका |

अब हर लम्हा,अपना सा लगता है,
इतनी खुशियाँ,मानो सपना सा लगता है |
दिल अब उसी के लिए धड़कता है,
जैसे पहली किरण के साथ, चिड़ीयों का झुण्ड चहकता है |

आया था ऐसे,जैसे कोई हवा का झौका,
दे गया मुझे,खुशियों का रंगीन तौहफा |
क्यूँ दिया उसने मुझे मौका,
क्यूँ और किस खातिर इतना सोचा |

अब हर प्रश्न पहेली बन गया,
ना जाने वो मुसाफ़िर कहाँ खो गया |


--कर्णिका
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                       (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-दीपावली.को.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-14.02.2022-सोमवार.