II महाशिवरात्रि II-निबंध क्रमांक-2

Started by Atul Kaviraje, March 01, 2022, 02:32:39 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                           II महाशिवरात्रि II
                                             निबंध क्रमांक-2
                                         -------------------

मित्रो,

     आज दिनांक-०१.०३.२०२२ मंगलवार है. आज "महाशिवरात्री" है. "हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ने वाली शिवरात्रि महाशिवरात्रि कहा जाता है।" मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन कवी-कवयित्रीयोको इस पावन रात्रिकी अनेक हार्दिक शुभकामनाये. आईए, "ओम नमः शिवाय" मंत्र-उच्चारण करें और पढे, इस पावन रात्री पर लेख, कथा, पूजा-विधी, शायरी, शुभकामनाये, निबंध इत्यादी.

                          महाशिवरात्रि पर निबंध---

                    भगवान शिव की अन्य पारंपरिक पूजा
                         महाशिवरात्रि पूजाविधि---

     'बारह ज्योतिर्लिंग' जिसका अर्थ है (प्रकाश के लिंग) यह पूजा के लिए शिव भगवान के पवित्र धार्मिक स्थल और केन्द्रों में से है। यह स्वयंभू के रूप में जाने जाते हैं, जिसका अनमोल अर्थ हैं "स्वयं उत्पन्न"। 12 जगह पर 12 ज्योतिर्लिंग स्थापित है जिसके नाम नीचे लिखे है।

सोमनाथ: यह शिवलिंग आपको गुजरात के काठियावाड़ स्थान पर मिलेगा.

श्री शैल मल्लिकार्जुन: यह शिवलिंग आपको मद्रास में कृष्ण नदी के किनारे वाले पर्वत पर स्थापित मिलेगा जिसका नाम श्री शैल मल्लिकार्जुन शिवलिंग है.

महाकाल उज्जैन में अवंति नगर स्थापित आपको महाकालेश्वर नाम का शिवलिंग मिलेगा। यहां पर शिव भगवान ने दैत्यों का नाश किया था.

ओंकारेश्वर: यह मध्यप्रदेश के एक धार्मिक स्थान ओंकारेश्वर में नर्मदा के तट पर पर्वतराज विंध्य की कठीन तपस्या से प्रसंग होकर वरदाने देने हुए शिवजी इस स्थान पर प्रकट हुए थे। उसी समय से इस स्थान पर ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थापित हो गया था.

नागेश्वर: यह ज्योतिर्लिंग आपको गुजरात के द्वारका धाम के निकट मिलेगा.

बैजनाथ ज्योतिर्लिंग: जो कि बिहार के बैद्यनाथ धाम में स्थापित है.

भीमाशंकर: यह ज्योतिर्लिंग आपको महाराष्ट्र में भीमा नदी के किनारे स्थापित मिलेगा.

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग नासिक (महाराष्ट्र) से 25 किलोमीटर दूर त्र्यम्बकेश्वर में स्थापित है.

घुमेश्वर: घुमेश्वर ज्योतिर्लिंग आपको महाराष्ट्र स्टेट के औरंगाबाद जिले में एलोरा गुफा के समीप वेसल गांव में मिलेगा.

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग हिमालय का दुर्गम ज्योतिर्लिंग है जो कि हरिद्वार से 150 मिल दूरी पर ही स्थित है.

विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग जो काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित हैं.

रामेश्वरम: यह ज्योतिर्लिंग श्री राम द्वारा स्थापित है जो आपको मद्रास में समुद्र तट के निकट मिलेगा.

                     शिवरात्रि का क्या मतलब है?---

     शिवरात्रि का सीधा सरल मतलब है शिव की रात्रि। इस दिन भगवान शिव जी की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म के सभी त्योहारों में इस त्यौहार को बड़े ही उत्साह और प्रेम के साथ मनाया जाता है। देवों के देव महादेव की शिवरात्रि के दिन भव्य पूजा होती हैं। शिवरात्रि के विषय में तो सब यही जानते है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती हैं लेकिन शिवरात्रि मनाए जाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं है जो इस दिन के महत्व को बढ़ाती हैं।

     शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा फूल, पान, फल, बेल पत्र, दूध, खीर, भांग के साथ की जाती हैं। इस त्यौहार पर कुंवारी कन्याओं और औरतें द्वारा व्रत रखा जाता हैं। शिवरात्रि के दिन सभी भगवान शिव का ध्यान करके व्रत रखती हैं, और दूसरे दिन पूजा के उपरांत अपने व्रत को तोड़ती हैं। ऐसा कहा जाता है कि लड़कियां शिवरात्रि का व्रत शिव जी के गुणों से युक्त एक महान और सुंदर वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं। यह भी मान्यता है कि शिवरात्रि का व्रत करने से व्यक्ति को उसके पापों से मुक्ति मिल जाती हैं।

     शिवरात्रि का यह दिन हर शिव भक्त के मन में एक अलग ही उत्साह भर देता है। शिवरात्रि की पूजा में लोग इस तरह शिव की भक्ति में लीन हो जाते है कि उन्हें अपने व्रत की भी कोई अनुभूति नहीं होती है।


--हिमांशू ग्रेवाल
--------------

                         (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-१० लाईन्स.को)
                        -------------------------------------


-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-01.03.2022-मंगळवार.