II अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस II-निबंध क्रमांक-3

Started by Atul Kaviraje, March 07, 2022, 02:13:28 AM

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Atul Kaviraje

                                 II अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस II
                                          निबंध क्रमांक-3
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मित्रो,

     अन्य महिला अधिकारों को बढ़ावा देने वाली क्रिया-कलाप सहित नाश्ता, रात का भोजन, महिलाओं के मुद्दे, लंच, प्रतियोगी गतिविधि, भाषण, प्रस्तुतिकरण, चर्चा, बैनर, सम्मेलन, महिला परेड तथा सेमिनार जैसे विभिन्न प्रकार कार्यक्रम के आयोजन के द्वारा इसे मनाया जाता है। इसे पूरे विश्व भर में उनके अधिकार, योगदान, शिक्षा की महत्ता, आजीविका आदि के मौके के लिये महिलाओं के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिये मनाया जाता है। महिला शिक्षिका को उनके विद्यार्थियों द्वारा, अपने बच्चों के द्वारा माता-पिता को, बहनों को भाईयों के द्वारा, पुत्री को अपने पिता के द्वारा, उपहार दिया जाता है। ज्यादातर व्ययसायिक संस्थाएँ, सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालय, शिक्षण संस्थान, इस दिन बंद रहते हैं। आमतौर पर इस उत्सव को मनाने के दौरान लोग बैंगनी रंग का रिबन पहने रहते हैं। नारी का सम्मान पर निबंध महिला सशक्तिकरण के इस महान दिवस पर आप भी देख सकते हैं| इतिहास उठाकर देखें तो मां पुतलीबाई ने गांधीजी व जीजाबाई ने शिवाजी महाराज में श्रेष्ठ संस्कारों का बीजारोपण किया था। जिसका ही परिणाम है कि शिवाजी महाराज व गांधीजी को हम आज भी उनके श्रेष्ठ कर्मों के कारण आज भी जानते हैं। इनका व्यक्तित्व विराट व अनुपम है। बेहतर संस्कार देकर बच्चे को समाज में उदाहरण बनाना, नारी ही कर सकती है।

     अत: नारी सम्माननीय है। अभद्रता की पराकाष्ठा आजकल महिलाओं के साथ अभद्रता की पराकाष्ठा हो रही है। हम रोज ही अखबारों और न्यूज चैनलों में पढ़ते व देखते हैं, कि महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की गई या सामूहिक बलात्कार किया गया। इसे नैतिक पतन ही कहा जाएगा। शायद ही कोई दिन जाता हो, जब महिलाओं के साथ की गई अभद्रता पर समाचार न हो। क्या कारण है इसका? प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में दिन-पर-दिन अश्लीलता बढ़ती जा रही है। इसका नवयुवकों के मन-मस्तिष्क पर बहुत ही खराब असर पड़ता है। वे इसके क्रियान्वयन पर विचार करने लगते हैं। परिणाम होता है दिल्ली गैंगरेप जैसा जघन्य व घृणित अपराध। नारी के सम्मान और उसकी अस्मिता की रक्षा के लिए इस पर विचार करना बेहद जरूरी है, साथ ही उसके सम्मान और अस्मिता की रक्षा करना भी जरूरी है। अशालीन वस्त्र भी एक कारण कतिपय 'आधुनिक' महिलाओं का पहनावा भी शालीन नहीं हुआ करता है। इन वस्त्रों के कारण भी यौन-अपराध बढ़ते जा रहे हैं। इन महिलाओं का सोचना कुछ अलग ढंग का हुआ करता हैं। वे सोचती हैं कि हम आधुनिक हैं। यह विचार उचित नहीं कहा जा सकता है। अपराध होने यह बात उभरकर सामने नहीं आ पाती है कि उनके वस्त्रों के कारण भी यह अपराध प्रेरित हुआ है। इतिहास से देवी अहिल्याबाई होलकर, मदर टेरेसा, इला भट्ट, महादेवी वर्मा, राजकुमारी अमृत कौर, अरुणा आसफ अली, सुचेता कृपलानी और कस्तूरबा गांधी आदि जैसी कुछ प्रसिद्ध महिलाओं ने अपने मन-वचन व कर्म से सारे जग-संसार में अपना नाम रोशन किया है।

--AUTHOR UNKNOWN
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                    (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी जानकारी.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-07.03.2022-सोमवार.