II अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस II-लेख क्रमांक-9

Started by Atul Kaviraje, March 08, 2022, 12:18:45 AM

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Atul Kaviraje

                                   II अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस II
                                             लेख क्रमांक-9
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मित्रो,

     आज दिनांक-०८.०३.२०२२, मंगलवार है. यह दिन "जागतिक महिला दिवस" के नाम से भी जाना जाता है. "प्रत्येक वर्ष 8 मार्च पुरे विश्व में महिलाओं के योगदान एवं उपलब्धियों की तरफ लोगो का ध्यान क्रेंदित करने के लिए महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है, महिला दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य नारी को समाज में एक सम्मानित स्थान दिलाना और उसके स्वयं में निहित शक्तियों से उसका ही परिचय कराना होता है।" मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन, कवी-कवयित्रीयोको इस दिन कि मेरी हार्दिक शुभेच्छाये. आईए पढते है, इस दिन पर लेख, जIनकारी,निबंध,भाषण,शायरी,शुभकामनाये,स्टेटस इत्यादी.

       अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस अनमोल वचन (International Women's Day Quote)---

--अगर एक आदमी को शिक्षित किया जाता हैं तब एक आदमी ही शिक्षित होता हैं लेकिन जब एक औरत को शिक्षित किया जाता हैं तब एक पीढ़ी शिक्षित होती हैं. – ब्रिघैम यंग

--औरत ही समाज की वास्तविक शिल्पकार हैं- चेर

--नारि प्रेम करने के लिए हैं समझने की वस्तु नहीं. – आस्कर वाइल्ड

--जब एक आदमी औरत से प्यार करता हैं उसे अपनी जिंदगी का एक हिस्सा देता हैं लेकिन एक औरत जब प्यार करती हैं तब अपना सब कुछ दे देती हैं – आस्कर वाइल्ड

--किसी भी सभ्यता का आंकलन औरतो के व्यवहार से किया जा सकता हैं. – राल्फ वाल्डो एमर्सन

--आदमी अपनी नियति को सम्भाल नहीं सकते हैं उनके लिए यह कार्य उनके जीवन से जुड़ी औरत करती हैं. – ग्रुशो मार्क्स

--किसी भी समाज की उन्नति उस समाज की औरतों की उन्नति से मापी जा सकती हैं. – बी. आर. अम्बेडकर

--कोई भी राष्ट्र उन्नति के शिखर पर नहीं पहुँच सकता जब तक कि उस राष्ट्र में महिलाओं को समान अधिकार ना प्राप्त हो. – मोहम्मद अली जिन्ना

     महिलायें कमाल होती हैं वह अपने चेहरे पर मुस्कान का मुखोटा पहने यह दिखाती हैं कि सब कुछ ठीक हैं पर वास्तविक्ता में उसके कन्धो पर दुनियाँ का बोझ हैं और उसका जीवन उसकी उँगलियों से पटाखों की तरह फिसल रहा हैं. यह अनमोल वचन महिलाओं के लिए कई महानतम लोगो ने कहे हैं .दुनियाँ के महान लोग भी नारि शक्ति को मानते आये हैं उनका सम्मान करते आये. इतिहास गवाह जो भी देशभक्त हुए हैं वे सभी नारी का सम्मान करते आये हैं तब ही उन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ हैं और जिन्होंने नारियों पर कुदृष्टि रखी हैं उन्होंने कितना भी अच्छा काम क्यूँ ना किया हो उन्हें वो सम्मान नहीं मिला जो मिलना था. इस नारी शक्ति को वही नहीं समझ सकते, जो खुद मानसिक रोग से पीढित हैं.

              अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस स्लोगन नारे (International Women's Day Slogan)---

नारियाँ नहीं कभी बैचारी
नारियों में निहित हैं शक्ति सारी
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जहाँ होता स्त्रियों का अपमान
हैं वो जगह नरक समान
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देवियों का स्थान प्राप्त हैं नारियों को
क्या ये समाज दे सकेगा यह मान उसको ?
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जिस औरत को नहीं देता समाज स्थान
वही औरत हैं इस समाज का आधार
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नारी सम्मान हैं, स्वर्ग का द्वार
उसका अपमान हैं, नरक समान
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     आने वाले साल में भी इस दिन को हर देश मनाएगा, परंतु इसका उद्देश्य तब ही पूरा होगा, जब महिलाओं के खिलाफ होने वाले शोषण कम होंगे, जब महिलाओं के खिलाफ होने वाले आपराधिक मामले शून्य होंगे, जब महिला पुरुष को समान दर्जा मिलेगा. काश हम वो दिन जल्द ही देख पाएंगे जब महिलाओं की लैंगिक समानता के साथ उसे हर क्षेत्र में समान दर्जा उपलब्ध होगा.


--कर्णिका
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                      (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-दीपावली.को.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-08.03.2022-मंगळवार.