II होली II-निबंध क्रमांक-4

Started by Atul Kaviraje, March 18, 2022, 01:01:09 PM

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Atul Kaviraje

                                              II होली II
                                           निबंध  क्रमांक-4
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मित्रो,

      कल दिनांक-१७.०३.२०२२, गुरुवार था.  "होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिस हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं। प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन खोलकर भाई-चारे का संदेश देता है। ". हिंदी कविताके मेरे सभी भाई-बहन, कवी-कवयित्रीयोको होली के इस पावन पर्व की अनेक हार्दिक शुभकामनाये. आईए पढते है, लेख, महत्त्व, जIनकारी, निबंध, शायरी, बधाई संदेश, शुभकामनाये एवं अन्य.

                           गोवा की होली – शिमगो

     वसंत के आगमन के स्वागत में गोवा के लोग रंगों से खेलते हैं। रंगों के इस खेल को कोंकणी भाषा ( जो कि गोवा की भाषा है ) में शिमगो या शिमगोत्सव कहते हैं।  इस दिन लोग भोजन में शगोटी ( तीखी मुर्गी या मटन ) खाते हैं। यहाँ के उत्सव में ख़ास बात होती है एक विशालकाय जुलूस में।

     पंजिम का यह विशालकाय जुलूस अपनी मंजिल पर पहुँच कर सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिवर्तित हो जाता है। इस कार्यक्रम में साहित्यिक, सांस्कृतिक और पौराणिक नाटक व संगीत का मंचन किया जाता है। लेकिन इसमें कोई धर्म या जाति बंधन नहीं होता।

                      तमिलनाडु की होली – कमन पोडिगई

     प्राचीन काल में देवी सती के मृत्युलोक चले जाने के बाद भगवान् शंकर को बहुत क्रोध आया और वे व्यथित हुए मानसिक शांति की  प्राप्ति के लिए उन्होंने ध्यान मुद्रा लगा ली। कई वर्षों पश्चात पर्वत राज की पुत्री पार्वती शिव को अपने वर के रूप में पाने के लिए तपस्या करने लगी। लेकिन बिना प्रभु शंकर के ध्यान से बहार आये ये संभव न था। अतएव सबने मिलकर विचार किया की काम देव को यह कार्य सौंपा जाए।

     कामदेव ने अपने कार्य की पूर्ती के लिए भगवान् शिव पर कामबाण छोड़ दिया। तब एक बार फिर क्रोध में आए शिव जी के तीसरे नेत्र से कामदेव जल कर भस्म हो गए। लेकिन बाण तो असर कर चुका था। इस लिए शंकर भगवाना और देवी पार्वती जी का विवाह हो गया। कामदेव की पत्नी रति के विलाप के कारन शिव जी ने काम देव को दुबारा जीवन दिया।

     वह दिन होली का ही दिन था। रति के विलास को आज भी संगीत के रूप में गाया जाता है। ऐसा मन जाता है की काम देव इस दिन भस्म होते हैं। इसलिए आग में चन्दन की लकडियाँ डाली जाती हैं जिससे कामदेव को भस्म होने में कोई तकलीफ न हो। और उसके बाद कामदेव के पुनः जीवित होने पर रंगों का त्यौहार मनाया जाता है।

                         अन्य राज्यों की होली

     छत्तीसगढ़ में होली के दिन फाग गीत का प्रचलन है, जिसमे युवाओ की टोली रंगों से नहाये हुए होली के गीत गाते हुए धमाल मचाते है। राजस्थान में इस अवसर पर विशेष रूप से जैसलमेर के मंदिर महल में लोकनृत्यों में डूबा वातावरण देखते ही बनता है जब कि हवा में लाला नारंगी और फ़िरोज़ी रंग उड़ाए जाते हैं।

     मध्यप्रदेश के नगर इंदौर में इस दिन सड़कों पर रंग मिश्रित सुगंधित जल छिड़का जाता है। लगभग पूरे मालवा प्रदेश में होली पर जलूस निकालने की परंपरा है। जिसे गेर कहते हैं। जलूस में बैंड-बाजे-नाच-गाने सब शामिल होते हैं। नगर निगम के फ़ायर फ़ाइटरों में रंगीन पानी भर कर जुलूस के तमाम रास्ते भर लोगों पर रंग डाला जाता है।

                          होली का महत्व

      होली का त्यौहार हर किसी के जीवन में बहुत महत्त्व रखता है। होलिका दहन के रूप में ये पाप पर पुण्य की विजय का प्रतीक है। इसी दिन से हिन्दू धर्म के अनुसार नव वर्ष आरंभ होता है। ये त्यौहार ही होते हैं जो सबको आपस में मिला देते हैं। इससे इनका महत्त्व और बढ़ जाता है। हर त्यौहार एक सन्देश के साथ अत है।

     रंगों का यह त्यौहार भी यही सन्देश लेकर आता है की जैसे सब के चेहरे रंग जाने पर एक से नजर आते हैं। उसी तरह हमें अपने जीवन में सबको बराबरी की नजर से देखना चाहिए और सदा हँसते मुस्कुराते रहना चाहिए। तभी इस त्यौहार का अर्थ पूर्ण होगा। धन्यवाद।


--संदीप कुमार सिंग
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                     (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-अप्रतिम ब्लॉग.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-18.03.2022-शुक्रवार.