II होली II-निबंध क्रमांक-11

Started by Atul Kaviraje, March 18, 2022, 01:15:12 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                              II होली II
                                           निबंध क्रमांक-11
                                         ------------------

मित्रो,

      कल दिनांक-१७.०३.२०२२, गुरुवार था.  "होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिस हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं। प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन खोलकर भाई-चारे का संदेश देता है। ". हिंदी कविताके मेरे सभी भाई-बहन, कवी-कवयित्रीयोको होली के इस पावन पर्व की अनेक हार्दिक शुभकामनाये. आईए पढते है, लेख, महत्त्व, जIनकारी, निबंध, शायरी, बधाई संदेश, शुभकामनाये एवं अन्य.

                            होली से मिलते-झुलते विदेशी त्यौहार –

                   पापुआ न्‍यूगिनिया का गोरोका उत्‍सव –

     पापुआ न्‍यूगिनिया में इस त्यौहार के दौरान लोग माउंट हेगन की तलहटी में एकत्र होते हैं और पारंपरिक आदिवासी नृत्‍य करते हैं। वे अपने शरीर पर पंछियों के पर और ऐसे ही कई पारंपरिक श्रंगार करते हैं। मस्‍ती और उल्‍लास के त्यौहार पर मज़ेदार भोज आयोजित होते हैं।

                     चीन का पानी फेंकने का उत्‍सव –

     चीन के युवान प्रांत में मार्च-अप्रैल में पानी फेंकने का उत्‍सव मनाया जाता है। यह दाई लोगों के महत्‍वपूर्ण उत्‍सवों में से एक है। इस त्यौहार को बुद्ध के स्‍नान से भी जाना जाता है। त्यौहार के दौरान सभी लोग एक-दूसरे पर पानी फेंकते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं।

                          तिब्‍बत का स्‍नान पर्व –

     जुलाई माह के पहले दस दिन में तिब्‍बतियों का स्‍नान पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को गामारीजी नाम से जाना जाता है। तिब्‍बतियों की मान्‍यता है कि इस दौरान नदी या तालाब का पानी मीठा, ठंडा, मृदुल, हल्‍का, साफ और हानिरहित होता है, जो गले के लिए अच्‍छा होता है, बल्‍कि पेट के लिए नहीं। तिब्‍बती लोग इस दौरान नदी और झील के किनारे टेंट डालते हैं और स्‍नान को पर्व के रूप में मनाते हैं।

                         वर्तमान में होली का रूप –

(i) वर्तमान में होली का रूप बदलता जा रहा है क्योंकि युवा लोग इसके महत्त्व को नहीं समझ रहे हैं और इसी सौहार्दपूर्ण त्यौहार की जगह, नशे के त्यौहार के रूप में देख रहे हैं।
(ii) आजकल की युवा होली के दिन तरह-तरह का नशा करके बैठे रहते है। कुछ लोगों को तो इसे गंभीर नुकसान भी हो जाते हैं, लेकिन वह इसकी परवाह नहीं करते है।
(iii) इस दिन अब युवाओं में लड़ाई झगड़ा तो आम बात हो गई है। लोग होली के त्यौहार परदुश्मनी भुलाने की जगह अब दुश्मनी बढ़ाने लगे है। आजकल युवा लोग रंग की जगह गोबर नाली का पानी और पक्के रंगों का इस्तेमाल करते हैं जो कि होली की शोभा को धूमिल करते है।

     यह सब चीजें होली के त्यौहार की छवि को खराब कर रही है। हमें लोगों को जागरूक करना होगा।

                        उपसंहार (conclusion) –

     होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है। इस त्यौहार से सीख लेते हुए हमें भी अपनी बुराइयों को छोड़ते हुए अच्छाई को अपनाना चाहिए। इस त्यौहार से एक और सीख मिलती है कि कभी भी हमें अहंकार नहीं करना चाहिए क्योंकि अहंकार हमारे सोचने समझने की शक्ति को बंद कर देता है।
हमें होली का त्यौहार अपने परिवार और दोस्तों के साथ खूब धूमधाम से मनाना चाहिए। होली का त्यौहार भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह दोस्ती का त्यौहार है इसलिए इसे दोस्ती का त्यौहार ही बने रहना देना चाहिए। इसे कोई और रूप देने का हमें कोई हक नहीं है।

     वर्तमान में भटके हुए युवाओं को हमें इस त्यौहार के महत्व और विशेषताओं के बारे में बताना चाहिए, ताकि उनके विचार बदले और हमारे इस सौहार्दपूर्ण त्यौहार की छवि बनी रहे। इस त्यौहार में लोग आपस के मत-भेद भूल कर नई जीवन की शुरुआत के साथ अपने अंदर नई ऊर्जा को भी ले आते हैं। हिन्दुओं में सारा परिवार इस अनोखे पर्व का पूरे साल इंतजार करता है। हर जगह रंग ही रंग दिखाई देता है। पूरा शहर रंगीन हो जाता है। और एक दूसरे को बहुत सारी खुशियां देता हैं। सबके घरों में तरह तरह के पकवान बनते हैं। शाम को सब एक दूसरे के घर जाते हैं और अबीर-गुलाल लगते हैं।


--AUTHOR UNKNOWN
-------------------------

                        (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-यश cds.नेट)
                       -------------------------------------


-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-18.03.2022-शुक्रवार.