II होली II-होली पर बच्चों के लिए कविता-क्रमांक-1

Started by Atul Kaviraje, March 18, 2022, 02:03:34 PM

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Atul Kaviraje

                                           II होली II
                            होली पर बच्चों के लिए कविता-क्रमांक-1
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मित्रो,

      कल दिनांक-१७.०३.२०२२, गुरुवार था.  "होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिस हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं। प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन खोलकर भाई-चारे का संदेश देता है। ". हिंदी कविताके मेरे सभी भाई-बहन, कवी-कवयित्रीयोको होली के इस पावन पर्व की अनेक हार्दिक शुभकामनाये. आईए पढते है, कविताये,रचनाये,शायरी, राधा-कृष्ण शायरी, चित्रपट होली-गीत एवं अन्य.

                        होली पर बच्चों के लिए कविताएं

Kids Holi Poem In Hindi | होली पर बच्चों के लिए कविताएं – 2022 में रंगों का त्योहार होली और धुलण्डी मनाई जायेगी। हम आप सभी के लिए लाये है Holi poems for kids in Hindi का बेहतरीन कलेक्शन। आशा है आप सभी को ये Holi Bal Kavita पसंद आएगी।

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होली आई, होली आई।
रंग बिरंगी होली आई।
धूम मचाती होली आई।
घर घर में खुशियां लाई।

बच्चों की यह टोली आई।
हाथ में पिचकारी लाई।
रंग गुलाल उड़ाती आई।
होली आई, होली आई।
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होली का है हंगामा, उड़ता है लाल गुलाल।
इधर उधर सब दौड़ रहे है, तेज हो गयी है चाल।
दादी जी पर रंग डाला, तो आ गया भूचाल।
वो भी भागी ले पिचकारी, हो गया न आज कमाल।
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रंग रंगीली होली आयी, छोटी गुड़िया माँ से बोली।
मुझको माँ पिचकारी ला दो, सुन्दर सी प्यारी ला दो।
लाल पीले रंग भी ला दो, रंग बिरंगे गुब्बारे दीला दो।
सबको मैं रंग डालूँगी, माँ ने गुड़िया को समझाया।
फिर प्यार से यह बतलाया, रंग होते नहीं हैं अच्छे।
होते हैं बीमार इस से बच्चे, जाओ तुम बाग़ में जाओ।
रंग बिरंगे फूल ले आओ, बनाएंगे हम फूलो से रंग।
फिर तुम होली खेलना सबके संग !!!!
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रंगों का त्योहार है होली।
खुशियों की बौछार है होली।
लाल गुलाबी पीले देखो।
रंग सभी रंगीले देखों।
पिचकारी भर-भर ले आते।
इक दूजे पर सभी चलाते।
होली पर अब ऐसा हाल।
हर चेहरे पर आज गुलाल।
आओ यारो इसी बहाने।
दुश्मन को भी चलो मनाने।
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होली है भई होली है, बुरा न मानो होली है।
आऒ मिल के खुशियाँ मनाएं, अपनों को हम रंग लगाएँ।
फूलों से हम खेलें होली, बचत करें हम पानी की।
सब मिल कर जोर से गाएं, बुरा न मानो होली है।
किसी को ना ठेस पहुचाएं, नए नए खाएं और खिलाएं।
खुद भी रंग लगाएं और दूसरों पर भी अबीर लगायें।
टोली बना कर गाएं हम सब, बुरा न मानो होली है।
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--पंकज गोयल
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                    (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-अजबगजब.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-18.03.2022-शुक्रवार.