II छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती II-शेर शायरी क्रमांक-1

Started by Atul Kaviraje, March 20, 2022, 06:14:24 PM

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Atul Kaviraje

                            II छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती II
                                      शेर शायरी क्रमांक-1
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मित्र/मैत्रिणींनो,

      उद्या दिनांक-२१.०३.२०२२-सोमवार, छत्रपती श्री शिवाजी महाराज यांची तिथीनुसार जयंती आहे. यंदा फाल्गुन वद्य तृतीया ही 21 मार्च 2022 दिवशी आहे. त्यामुळे काही शिवभक्त या दिवशी देखील शिव जयंती साजरी करणार आहेत. महाराष्ट्रात अनेक मराठी सण परंपरेनुसार तिथीवर साजरी करण्याची पद्धत आहे त्यानुसार शिवजयंती देखील तिथी वर देखील तितक्याच उत्साहात साजरी केली जाते. मराठी कवितेच्या माझ्या सर्व बंधू-भगिनी कवी-कवयित्रींना शिव-जयंतीच्या अनेक हार्दिक शुभेच्छा. वाचूया या सुमुहूर्तावर काही चारोळी, कविता, शायरी इत्यादी--

शिवाजी महाराज शेर शायरी व स्टेटस मराठी व हिंदी – Chhatrapati Shivaji...

     छत्रपति शिवाजी महाराज एक महान देशभक्त, राष्ट्र निर्माता एवं कुशल प्रशासक के साथ वह बहुत साहसी एवं बुद्धिमान भी थे। शिवाजी को हम शिवाजी राजे भोसले के नाम से भी जानते हैं। शिवाजी का जन्म 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी दुर्ग महाराष्ट्र में हुआ था। शिवाजी के पिताजी का नाम शाहजी भोंसले व माता का नाम जीजाबाई था।

     आज यहां हम शिवाजी महाराज शेर शायरी व स्टेटस हिंदी व मराठी में लेकर आये हैं. आप Shivaji Maharaj Shayari and Status Hindi and Marathi को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें.

                    शिवाजी महाराज शेर शायरी हिंदी---

छत्रपति शिवाजी महाराज फोटो
एक पुरुषार्थी भी,
एक विद्वान के सामने झुकता है।
क्योकी पुरुर्षाथ भी विद्या से ही आती है।

"ओम" कहने से मन को शक्ति मिलती है,
"साईं" कहने से मन को शक्ति मिलती है,
"राम" बोलने से पापों से मुक्ति मिलती है,
"जय शिवराय" की बात
हमें सौ बाघों की ताकत मिलती है ...

महाराष्ट्र के मराठा राजा,
कह रहा है सब मेरे अपने,
आज भी, गाना बजाने वाले गाते हैं,
लपेट लो
वह एकमात्र "राजा शिव छत्रपति" हैं

अपने आत्मबल को जगाने वाला,
खुद को पहचानने वाला,
और मानव जाति के कल्याण की सोच रखने वाला,
पूरे विश्व पर राज्य कर सकता है।

प्रतिशोध मनुष्य को जलाती रहती है,
संयम ही प्रतिशोध को काबू करने का उपाय होता है।

अंगूर को जब तक नहीं पेरो वो मीठी मदिरा नही बनती,
वैसे ही मनुष्य जब तक कष्ट मे पिसता नही,
तब तक उसके अन्दर की सर्वौत्तम प्रतिभा बाहर नही आती।

अखंड हिंदुस्तान के आराध्य देवी और प्रेरणादायक स्थान,
अमीर छत्रपति शिवाजी राजे महाराज को,
त्रि-मन मुजारा ...
सभी शिव भक्तों को,
जय शिवाजी ... !!

बहादुरी मेरी आत्मा है!
विचार और विवेक मेरी पहचान है!
क्षत्रिय मेरा धर्म है!
छत्रपति शिवराय मेरे भगवान हैं!
हाँ मैं मराठी हूँ!
जय शिवराय !!

कोई भी कार्य करने से पहले
उसका परिणाम सोच लेना हितकर होता है;
क्योकी हमारी आने वाली पीढी
उसी का अनुसरण करती है।

सर्वप्रथम राष्ट्र, फिर गुरु, फिर माता-पिता, फिर परमेश्वर।
अतः पहले खुद को नही राष्ट्र को देखना चाहिए।

जब लक्ष्य जीत की हो,
तो हासिल करने के लिए कितना भी परिश्रम,
कोई भी मूल्य , क्यो न हो उसे चुकाना ही पङता है।

बिजली की तलवार की तरह,
हिंदुस्तान ने छाती पीट ली,
अफ्ज़खान बैग में बाघ के नाखून
मुट्ठी भर मावल के साथ हजारों शैतान भाग गए!
जब वे स्वर्ग में चढ़े, तब देवों ने उन्हें प्रणाम किया।
उन में से एक "मरदा मराठा शिवबा" बन गया ...

जरुरी नही कि विपत्ति का सामना,
दुश्मन के सम्मुख से ही करने मे,
वीरता हो। वीरता तो विजय मे है।

जो व्यक्ति स्वराज्य और परिवार के बीच
स्वराज्य को चुनता है
वही एक सच्चा नागरिक होता हैं।

वे ही जीवित थे
वह एक जीवित महाराष्ट्र था
लेकिन अपने ही परिवार को भूल जाना
जनता से हाथ मिलाते हुए।
यह "आपका शिव" था
जय शिवराय


--साधना पाल
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               (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-अजब गजब जानकारी.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-20.03.2022-रविवार.